एक दो नहीं कई परिवारों की ख्वाहिशों को खत्म कर दिया गया एक ही झटके में। इस मलबे में दब कर रह गये सारे अरमान। इस मलबे में उम्मीद के सहारे इंतजार की गलियों में बैठे हैं परिजन। मरने के बाद मुआवजे के मरहम का रिवाज है, सरकार ने दो लाख देने में देर नहीं की है।
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