आठ बुनियादी उद्योगों की जुलाई में वृद्धि दर 6.6% रही। इसकी प्रमुख वजह कोयला, रिफाइनरी उत्पाद, सीमेंट और उवर्रकों का उत्पादन बेहतर रहना है।
शेयर ने दोपहर तक के कारोबार में 1319.50 रुपए का ऊपरी स्तर छुआ जो इसका अबतक का सबसे ऊपरी स्तर है
देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) वित्त वर्ष 2018-19 की अप्रैल-जून अवधि में 23 प्रतिशत बढ़कर 12.75 अरब डॉलर रहा।
बैंकों के कर्ज की लागत बढ़ने से भारतीय कॉरपोरेट जगत के लिए ऋण लेना महंगा हो गया है, जिससे औद्योगिक उत्पादन तथा घरेलू मांग में सुधार पर असर पड़ रहा है। एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
देश का बजटीय राजकोषीय घाटा जून में बढ़कर 4.29 लाख करोड़ रुपये रहा, जो चालू वित्त वर्ष के लक्ष्य का 68.7 फीसदी है। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
अमेरिका के एक शीर्ष उद्योगपति जॉन चैंबर्स का मानना है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद यदि नरेंद्र मोदी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने का मौका नहीं मिलता है तो भारत के प्रभावशाली विकास और समावेशी वृद्धि के लिए यह जोखिम भरा होगा।
बैंक कर्ज 22 जून को समाप्त पखवाड़े में 12.84 प्रतिशत बढ़कर 86,16,408 करोड़ रुपए रहा। रिजर्व बैंक के आंकड़े के अनुसार, एक साल पहले इसी पखवाड़े में बैंकों द्वारा दिया गया कर्ज 76,35,689 करोड़ रुपए था।
छतों पर लगने वाली सौर परियोजनाओं की गति अच्छी नहीं होने से सरकार के लिए छतों के ऊपर लगी परियोजनाओं के जरिए 2022 तक 40,000 मेगावाट सौर बिजली उत्पादन की क्षमता सृजित करने का लक्ष्य हासिल करना कठिन हो सकता है।
उद्योग एवं कृषि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 7.5 प्रतिशत रह सकती है। जीडीपी वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष में 6.6 प्रतिशत थी।
बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली कंपनी पतंजलि को पिछले वित्त वर्ष में माल एवं सेवाकर (GST) लागू होने से कारोबार में झटका लगा है। पिछले कुछ सालों के दौरान साल-दर-साल तीव्र वृद्धि दर्ज करने वाली पतंजलि को पिछले वित्त वर्ष में मामूली वृद्धि होने का अनुमान है। कंपनी के एक अधिकारी ने यह बात कही
भारत की अर्थव्यवस्था नोटबंदी तथा जीएसटी के क्रियान्वयन से उबर गयी है और इसकी वृद्धि चालू वित्त वर्ष 2018-19 में 7.4 प्रतिशत तथा आगे और बढ़ कर 7.8 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की रपट के अनुसार एशिया इस समय दुनिया की अर्थव्यवस्था का मुख्य इंजन बना हुआ है और वैश्विक आर्थिक वृद्धि में इस क्षेत्र का योगदान 60 प्रतिशत से अधिक है।
नई वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था और बैंकों की कर्ज वसूली की समस्या से देश की आर्थिक वृद्धि में 2017 में गिरावट आई लेकिन इसमें धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद है और 2018 में वृद्धि दर के बढ़कर 7.2 प्रतिशत रहने की संभावना है।
सरकारी थिंकटैंक नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.5% तक पहुंच सकती है। इसकी प्रमुख वजह निवेश चक्र में सुधार और उद्योगों की पूरी क्षमता का इस्तेमाल होना है।
दबाव और जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के बीच एयरटेल पिछले एक साल के दौरान 3 करोड़ से अधिक ग्राहक जोड़ने में सफल रही है। मार्च 2017 में एयरटेल के ग्राहकों की संख्या 27.36 करोड़ थी जो मार्च 2018 तक बढ़करकर 30.41 करोड़ हो गई है।
एक प्रमुख ऋण सूचना फर्म के अनुसार बीते साल देश में दुपहिया वाहन ऋण में गैर- बैंकिंग वित्तीय संस्थानों की अगुवाई में 32 प्रतिशत की प्रभावी बढोतरी दर्ज की गई। इस दौरान कर्जदारों द्वारा समय पर कर्ज नहीं लौटाने के सबसे अधिक मामले गुजरात में देखने को मिले।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष 2018-19 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बढ़कर 7.4 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। गत 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2017-18 में इसके 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
देश में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या इस साल जून तक 50 करोड़ को पार कर जाएगी। एक रिपोर्ट में यह उम्मीद जताई गई है।
क्रिसिल की रिपोर्ट में तीन साल में ऑनलाइन खुदरा बाजार के आकार का जिक्र किए बिना कहा गया कि इस दौरान इसका आकार अभी की तुलना में 250 प्रतिशत बढ़ जाएगा।
'सैंक्टम वेल्थ मैनेजमेंट रिपोर्ट' में कहा गया है कि भारत 2018 में चीन को पीछे छोड़कर सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगी और भारतीय शेयर बाजार दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा शेयर बाजार होगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था में जो थोड़े समय के लिए सुस्ती आई थी वह अब दूर हो रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) का कहना है कि वृद्धि के मामले में भारत दुनिया में अपनी अग्रणी स्थिति फिर हासिल कर रहा है।
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