सीएम नीतीश सबसे पहले एक एमएलए की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए, जहां उनके मंच के पीछे लाल किला का पोस्टर लगाया गया। उसके बाद नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर इफ्तारी की गई।
समाजवादी पार्टी अपने पार्टी मुख्यालय में सबसे बड़ी और सबसे अच्छी इफ्तार पार्टी की मेजबानी करने के लिए जानी जाती थी। इसके संस्थापक स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव व्यक्तिगत रूप से मेहमानों से मिलते थे और यह सुनिश्चित करते थे कि प्रत्येक को भरपेट भोजन मिले।
पिछले 10 दिनों में ही नीतीश कुमार चार बार दावत-ए-इफ्तार में शरीक हो चुके हैं। दो बार तो नीतीश ने खुद ये इफ्तार की दावत दी है। नीतीश कुमार अब तक प्रधानमंत्री नहीं बन पाए हैं और 2024 में भी पॉसिबिलिटी जीरो के बराबर है।
बता दें कि बिहार में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान नालंदा जिले के बिहारशरीफ और रोहतास जिले के सासाराम में सांप्रदायिक तनाव भड़क गया था, जिसके बाद पुलिस ने दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया।
रमजान का पाक महीना चल रहा है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रखते हैं और शाम के वक्त इफ्तारी से रोजा खोलते हैं। यहां हम आपको मूंगफली की चटनी की रेसिपी बता रहे हैं जिसे आप पकौड़ों के साथ खा सकते हैं।
कांग्रेस मुख्यालय में बीते कई सालों में कोई धार्मिक आयोजन नहीं हुआ है। दो दशक पहले तक जरूर होली, राम नवमी और इफ्तार पार्टी जैसे आयोजन होते थे। सत्ता से बाहर होने के बाद से पार्टी कार्यालय में इस तरह के आयोजनों को बंद कर दिया गया। बताया जाता है कि सलमान खुर्शीद के कहने पर इफ्तारी पार्टी रखी गई है।
मौर्य ने कहा कि उनके शासनकाल में कुम्भ मेला आयोजित किया गया लेकिन वह तब वहां स्नान करने नहीं गए लेकिन बीजेपी की सरकार बनने के बाद अब वह मंदिर-मंदिर घूम रहे हैं।
रमजान के महीने में राजनीतिक पार्टियों की ओर से इफ्तार देने का सिलसिला आम होता था, लेकिन यह रिवायत अब थमती दिखती है क्योंकि सरकार और अहम सियासी दलों ने इफ्तार से दूरी बना ली है...
दिल्ली की शाही जामा मस्जिद में रमज़ान और रोजे़ की रौनक का अंदाज सबसे अनूठा है। यहां इफ्तार की चहल-पहल देखने लायक होती है जहां रोजेदारों के साथ ही अन्य धर्मों के लोग राष्ट्रीय राजधानी के दूर-दराज के इलाकों से अपने परिवार संग यहां इफ्तार करने के लिए
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