कर्नाटक के गडग जिले में स्थित एक लिंगायत मठ में एक नया इतिहास लिखा जाने वाला है।
कर्नाटक चुनाव में किस समुदाय में किस पार्टी का रहा दबदबा।
बीएस येदियुरप्पा को कर्नाटक की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले लिंगायत का समर्थन प्राप्त नेता माना जाता है। बता दें कि उन्होंने बीते समय में भाजपा छोड़कर अलग पार्टी बना ली थी। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने अपने दल ‘कर्नाटक जनता पक्ष’ का वापस भारतीय जनता पार्टी में विलय कर दिया।
लिंगायत समाज अब तक बीजेपी का कोर वोटर समझा जाता रहा है जिसपर सिद्धारमैया ने मास्टर स्ट्रोक लगाते हए इस समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने की मांग मान ली है। कांग्रेस के इस कदम को लिंगायत समाज के कई मठों का समर्थन भी हासिल हो गया है।
शाह ने इस बात पर भी खुशी जताई कि प्रसिद्ध लिंगायत मठ पूरे राज्य में 125 शैक्षणिक संस्थान चला रहा है और लोगों की भलाई से जुड़े कई काम कर रहा है...
भाजपा का प्रयास है कि वह कांग्रेस को इस बड़े राज्य से सत्ता से बेदखल करे...
दरअसल, भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय से आते हैं। ये समुदाय राज्य में संख्या बल के हिसाब से मजबूत और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली है...
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