पश्चिमी और तटीय महाराष्ट्र में बाढ़ का पानी एक हफ्ते बाद धीरे-धीरे कम हो रहा है। इस बीच राज्य में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण बुधवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 213 हो गई। प्रदेश में 53,295 लोग बेघर हो गए हैं और 349 राहत शिविरों में रह रहे हैं।
सवाल ये है कि इस साल ऐसा क्या हो गया कि ऐसी आपदा आ गई। इस सवाल का जवाब दिया रत्नागिरी के कलेक्टर बीएन पाटिल ने जिन्होंने15 दिन पहले ही काम संभाला है।
महाराष्ट्र में आफत की बारिश का बड़ा कहर टूटा है। बारिश से हुए लैंडस्लाइड में रायगड में 37 लोगों की मौत हो गई है।
महाराष्ट्र में भारी बारिश और नदियों में उफान आने से कोंकण रेलवे मार्ग पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित हो गई और करीब छह हजार यात्री फंस गए। भारी बारिश की वजह से मुंबई सहित राज्य के कई अन्य हिस्सों में रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ है।
महाराष्ट्र में बाढ़ प्रभावित सांगली और कोल्हापुर में राहत कार्य पूरा होने के साथ ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार ने केंद्र से 6,813 करोड़ रूपये की राहत राशि की मांग की है।
महाराष्ट्र के लोग भी सेना को धन्यवाद दे रहे हैं। सांगली में महिलाओं ने जीवन रक्षक बनकर सामने आए सैनिकों के हाथों में राखी बांधी और आरती उतारी।
भारी बाढ़ और बारिश से महाराष्ट्र के पश्चिमी हिस्से के हाल बेहाल हैं। यहां कई दिनों से हो रही बारिश के चलते कई शहरों में बाढ़ के हालात हैं।
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