पीएसबी ने 2017-18 में 85,390 करोड़ रुपये का कुल शुद्ध घाटा दर्ज करने के बाद 2022-23 में 1,04,649 का मुनाफा कमाया है।
सीतारमण ने कहा कि सामूहिक रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अच्छा काम किया है और महामारी के दौरान सेवाएं देने के बावजूद वे त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई से बाहर निकले हैं।
खुद वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद को बताया कि सरकार ने दो सार्वजनिक बैंकों भारतीय स्टेट बैंक और इंडियन बैंक को अपने एटीएम को 500 रुपए और 200 रुपए के बैंक नोट के लिए रिकन्फीगर करने के लिए कहा है।
उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का कोई भी खाता किसी भी निजी बैंक के साथ नहीं है। महाराष्ट्र सरकार के सभी खाते केवल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ हैं।
भारत के सार्वजनिक बैंक उतने बुरे दौर से नहीं गुजर रहे हैं, जितने मनमोहन सिंह और राजन के दौर में गुजर रहे थे। उस समय हममें से कोई इस बात को नहीं जानता था।
सरकार ने दस राष्ट्रीयकृत बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की है।
अक्टूबर 2018 से मार्च 2019 के बीच की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 450 वरिष्ठ प्रबंधकों की एक सूची से ऐसे 75 अधिकारियों को छांटा गया है,
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को धोखाधड़ी करने और जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों के खिलाफ कारगर कदम उठाने को कहा है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने वित्त वर्ष 2017-18 में 1.20 लाख करोड़ रुपए मूल्य के फंसे कर्जों (एनपीए) को बट्टे खाते में डाला है। यह राशि आलोच्य वित्त वर्ष में इन बैंकों को हुए कुल घाटे की तुलना में 140 प्रतिशत अधिक है।
वित्त वर्ष 2017-18 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैकों को हुए घाटे से सरकार का इन बैंकों में किया गया करीब 13 अरब डॉलर का पूंजी निवेश एक तरह से बेकार हो गया और चालू वित्त वर्ष में भी इस स्थिति में सुधार की उम्मीद नहीं है।
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के कर्मचारियों को जल्द ही महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को अवकाश मिलेगा। सरकार ने लंबे समय से चली आ रही उनकी इस मांग को मान लिया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की संभावना से इनकार किया है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में सामने आए 11,400 करोड़ रुपए के घोटाले के संदर्भ में वित्त मंत्री ने यह बात कही।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के अंत तक बढ़कर 7.34 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई। इसका अधिकांश हिस्सा कॉरपोरेट डिफॉल्टरों के कारण बढ़ा है।
सार्वजनिक बैंकों का कहना है कि जानबूझ कर कर्ज नहीं चुकाने वालों कर्जदारों (विलफुल डिफॉल्टरों) पर उनके बकाया कर्ज में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है!
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में उसके पांच सहयोगी बैंकों के सफलतापूर्वक विलय से उत्साहित सरकार अन्य सार्वजनिक बैंकों के विलय पर विचार कर रही है।
2015 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बड़े डिफॉल्टर्स के नाम सार्वजनिक करने के आदेश के बावजूद RBI ने सरकारी बैंकों के डिफॉल्टर्स के नाम बताने से इनकार किया है।
संपादक की पसंद