राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बीते बुधवार को आरक्षण से लेकर अखंड भारत तक पर भी अपने विचार साझा किए थे। आज उन्होंने देश में हो रहे कार्यों का जिक्र किया।
केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय के लोगों के विकास के लिये आरक्षण जरूरी है लेकिन सिर्फ कोटा प्रणाली से ही उनका सम्पूर्ण विकास सुनिश्चित नहीं हो सकता है।
सरकार आरक्षण देने की तैयारी तो कर चुकी है लेकिन कानूनी जानकार बताते हैं कि रास्ता आसान नहीं है। इसके लिए सरकार को संविधान में संशोधन करवाना पड़ेगा। संविधान संशोधन के लिए पहले बिल को संसद के दोनों सदनों में पास करना होगा जिसके बाद संसद के सभी सदस्यों का बहुमत या संसद के दोनों सदनों के 2/3 बहुमत से पारित करना ज़रूरी होगा।
सुरजेवाला ने कहा, "इससे बुरी बात यह कि मोदी सरकार ने संसद में स्वीकार किया कि सरकारी क्षेत्र में 24 लाख पद खाली पड़े हैं, जिसे सरकार 4.5 सालों में भर नहीं पाई है।"
बहुजन समाज पार्टी, भाजपा के कथित दलित विरोधी रूख को उजागर करने के मकसद से प्रोन्नति में आरक्षण को चुनावी मुद्दा बनाएगी क्योंकि उसका मानना है कि अधिकांश राज्य सरकारें इस संबंध में उच्चतम न्यायालय के फैसले की अनदेखी करेंगी।
सवर्ण समाज के प्रदर्शन को देखते हुए एमपी सरकार अलर्ट है। ग्वालियर जिला प्रशासन ने हथियारों के सभी लाइसेंस 11 सितंबर तक के लिए निलंबित कर दिए हैं। इसके अलावा शिवपुरी में धारा 144 लगाई गई है।
प्रतिवादी के वकीलों ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ से कहा कि संतुलन के बगैर आरक्षण नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, "राज्य की जिम्मेदारी महज आरक्षण लागू करना नहीं है, बल्कि संतुलन बनाना भी है।"
बिहार सरकार ने अपनी सेवाओं में अनुसूचित जाति/अनुसूचित (एससी/एसटी) जनजाति के लोगों प्रमोशन में आरक्षण की सुविधा देने का निर्णय लिया है......
''इस मामले में कोरी बयानबाजी करके मीडिया में केवल सुर्खियां बटोरकर सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने से काम नहीं चलने वाला है बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री को पहले अपने स्तर पर कुछ काम करके दिखाना चाहिये।''
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