Friday, April 26, 2024
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प्राइवेट सेक्टर में रिजर्वेशन पर बोलीं मायावती, 'कोरी बयानबाजी ना करें नीतीश'

''इस मामले में कोरी बयानबाजी करके मीडिया में केवल सुर्खियां बटोरकर सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने से काम नहीं चलने वाला है बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री को पहले अपने स्तर पर कुछ काम करके दिखाना चाहिये।''

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 07, 2017 18:31 IST
Mayawati- India TV Hindi
Mayawati

लखनऊ: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्राइवेट सेक्टर में 50 फीसदी आरक्षण का मुद्दा उठाये जाने पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज कहा कि कोरी बयानबाजी की बजाय नीतीश अपने स्तर पर कुछ करके दिखाये। मायावती ने एक बयान में कहा कि बिहार में भाजपा के साथ सत्ता में बैठे लोगों को केन्द्र में अपनी गठबंधन सरकार से निजी क्षेत्र में आरक्षण की केवल मांग करने की बजाय सीधे आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। 

उन्होंने कहा, ''इस मामले में कोरी बयानबाजी करके मीडिया में केवल सुर्खियां बटोरकर सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने से काम नहीं चलने वाला है बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री को पहले अपने स्तर पर कुछ काम करके दिखाना चाहिये।'' दरअसल बिहार के मुख्यमंत्री ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में पिछडे वर्ग के लोगों को 50 फीसदी आरक्षण का समर्थन किया है। उन्होंने इस बारे में राष्ट्रीय स्तर पर बहस कराने का सुझाव भी दिया है। 

नीतीश कुमार ने कल कहा था, ''यह मेरी राय है कि निजी क्षेत्र में भी आरक्षण होना चाहिए। इस बारे में राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा होनी चाहिए।'' उन्होंने कहा कि जब तक नियोक्ता अपने संगठन में आरक्षण सुनिश्चित ना करें, निजी क्षेत्र के साथ कोई अनुबंध नहीं किया जाना चाहिए। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार की टिप्पणी पर कहा था कि यह कोई नयी बात नहीं है। हम भी निजी क्षेत्र में आरक्षण के समर्थक हैं। मायावती और राम विलास पासवान इसी तरह की मांग उठा चुके हैं। 

मायावती ने कहा, ''केन्द्र और राज्य सरकारों के बड़े एवं महत्वपूर्ण सरकारी कार्य अधिकांशतया निजी क्षेत्र को दिये जा रहे हैं, इसलिए बसपा समाज के शोषित-पीड़ित दलितों, आदिवासियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों को निजी क्षेत्र में आरक्षण की लगातार मांग कर रही है।'' उन्होंने कहा कि बसपा केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार से फिर मांग करती है कि वह इन वर्गों को निजी क्षेत्र में आरक्षण के मामले में जल्द से जल्द ईमानदारी व गंभीरता दिखाये। साथ ही अगड़े समाज, मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के ग़रीब लोगों को भी आर्थिक आधार पर अलग से आरक्षण की व्यवस्था करे। बसपा सुप्रीमो ने संविधान संशोधन के जरिए प्रोन्नति में भी आरक्षण की मांग की। 

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने पिछले साल सिफारिश की थी कि निजी कंपनियों में अन्य पिछडे वर्ग के लिए नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य करने के संबंध में कानून बनाया जाए। खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने हालांकि सुझाव दिया है कि निजी क्षेत्र अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछडे वर्ग के लिए स्वेच्छा से आरक्षण की व्यवस्था लागू करे। 

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