रूस-यूक्रेन युद्ध के 2 वर्ष पूरे होने से पहले यूरोपीय संघ ने जेलेंस्की के लिए आखिरकार अपना खजाना खोल दिया है। रूसी सेना से जंग लड़ते अभावग्रस्त यूक्रेनी सैनिकों का हौसला बढ़ाने के लिए यूरोपी संघ ने राष्ट्रपति जेलेंस्की को 50 अरब यूरो का बड़ा रक्षा सहायता पैकेज दिया है। इसकी जेलेंस्की को बेहद जरूरत भी थी।
व्लादिमीर पुतिन मार्च में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में एक बार फिर प्रेसिडेंट बन सकते हैं। चुनाव आयोग ने उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार के रूप में औपचारिक ऐलान कर दिया है।
रूसी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी के नेतृत्व और मेक इन इंडिया की जमकर सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सबसे बड़ा विदेशी निवेश रूस से आया है। हमारी कंपनी रोसेनेफ्ट द्वारा एक तेल रिफाइनरी, गैस स्टेशनों के नेटवर्क, एक बंदरगाह आदि के अधिग्रहण में 23 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया गया था। हम आगे भी निवेश करेंगे।
बेलारूस में विद्रोह की आग थमने का नाम नहीं ले रही है। राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंकी की लगातार छाठवीं जीत के बाद से ही यह विद्रोह जारी है। वर्ष 2020 में अलेक्जेंडर पर चुनाव में धांधली का आरोप लगा था। अब विद्रोह तेज हो गया है। यह विद्रोह बेलारूस के पड़ोसी और मित्र देश रूस को भी परेशान कर रहा है।
रूस और यूक्रेन की जंग में नाटो पूरी तरह से यूक्रेन की सहायता करके रूस के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। हालांकि रूस भी पीछे हटने वाला नहीं है। इसी बीच यूक्रेन के लिए नाटो 1.2 अरब डॉलर की मदद देने जा रहा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास युद्ध, पाकिस्तान-ईरान संघर्ष और चीन-ताइवान का तनाव व पश्चिमी एशिया में बढ़ते संघर्ष के खतरों ने तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को चरम पर पहुंचा दिया है। अब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी पहली बार तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को लेकर आधिकारिक बयान दिया है। इससे पूरी दुनिया ही सकते में आ गई है।
रूस से जंग के बीच यूक्रेनी सैनिक अजीब समस्या का सामना कर रहे हैं। उनकी इस समस्या को देखकरा पहला वर्ल्ड वार की याद लोगों के जेहन में आ रही है। जानिए रूस से जंग के बीच क्या है यह समस्या।
रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पुरानी परंपरा के तहत बर्फीले जल में डुबकी लगाई है। 19 जनवरी को यह डुबकी लगाई गई है। एपिफेनी पर्व के तहत हर साल 19 जनवरी को बर्फीले पानी में डुबकी लगाने का पर्व मनाया जाता है।
अफगानिस्तान में दुर्घटना का शिकार हुआ विमान मोरक्को का भी नहीं था। सबसे पहले इसके भारतीय होने की सूचना मिली थी, मगर भारत ने इसे तत्काल खारिज कर दिया था। फिर यह मोरक्को का बताया गया। मगर अब रूसी अधिकारियों के अनुसार यह रूस का निजी विमान था।
यूक्रेनी बाजार पर हमले के बाद रूस के दो टैंकरों पर यूक्रेन ने ड्रोन हमला किया। रूसी रक्षा मंत्रालय ने अपनी दैनिक ब्रीफिंग में किंगिसेप क्षेत्र में किसी भी ड्रोन गतिविधि की सूचना नहीं दी। इसमें कहा गया है कि रूस के स्मोलेंस्क क्षेत्र में चार यूक्रेनी ड्रोन मार कर गिरा दिए गए थे।
उत्तर कोरिया ने अमेरिका को अपनी ताकत दिखाने के लिए रूस के साथ मिलकर बड़ा मोर्चा बनाने की प्लानिंग कर ली है। इसमें चीन भी शामिल होगा। अमेरिका ने पहले ही इस खतरनाक मोर्चे की संभावना जताई थी। बाद में ईरान भी इसका हिस्सा हो सकता है। किम जोंग उन पेंटागन को चुनौती देने के लिए यह मोर्चा बनाने की राह पर हैं।
यूक्रेन का रूस पर बड़ा हमला हुआ है। यूक्रेनी ड्रोन अटैक से रूस का तेल डिपो धू धू कर जल उठा है। जंग के बीच यूक्रेन भी रूस पर लगातार हमलावर हो रहा है।
रूस से 2 वर्षों से युद्ध लड़ रहे यूक्रेन के पास अब हथियार और गोला-बारूद की भयंकर कमी हो गई है। अब उसे कोई आगे सहायता देने को तैयार नहीं है। ऐसे बुरे वक्त में फ्रांस ने एक बार फिर जेलेंस्की को मदद देने का ऐलान किया है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन को मिसाइल और बमों की आपूर्ति करने का ऐलान किया है।
दुनिया में सबसे बड़ा गड्ढा रूस ने खोदा था और इस गड्ढे को इतना खोदा गया था कि इसके बाद खुदाई करने पर भी गड्ढा नहीं होता था।
रूस के हाथ सोने का खजाना लग गया है। जंग और आर्थिक प्रतिबंध से घिरे रूस को अपने ही देश में सबसे बड़ी गोल्ड की खदान मिल गई है। इस खदान के मिलने से रूस को भारी फायदा होने वाला है और पुतिन को काफी राहत मिली है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बड़ा दावा किया है। यूक्रेन से जंग के बीच रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों और दबाव के बावजूद रूस यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
सऊदी अरब के साथ तेल के खेल में अब रूस, अमेरिका, मैक्सिको, ब्राजील जैसे बड़े देश भी कूद गए हैं। खासतौर पर रूस सस्ते दाम पर तेल आफर कर रहा है। इस कारण भारत, चीन जैसे देश अब सऊदी अरब की बजाय रूस से तेल ज्यादा खरीद रहे हैं। इस कारण अरब ने तेल के दामों में बड़ी कटौती की है।
रूसी सेना अमेरिकी सहायता खत्म होने पर यूक्रेन पर हावी होने लगी है। रूस अब यूक्रेन पर हमला करने के लिए उत्तर कोरियाई मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहा है। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में इसका दावा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार रूस ने 30 दिसंबर से 2 जनवरी के बीच ये हमले किए हैं। वहीं यूक्रेन अब ईरान से मदद मांग रहा।
रूस-यूक्रेन युद्ध लगातार जारी है। जबकि इस युद्ध का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। यूक्रेन के पास गोला-बारूद और हथियारों की भारी कमी हो गई है। जेलेंस्की इस वजह से निराश हैं। अकेले अमेरिका की मदद से यूक्रेन अब ज्यादा दिन रूस से जंग लड़ पाने की स्थिति में नहीं है। इस बीच यूएई ने दोनों देशों में बड़ा समझौता कराया है।
रूस से तेल खरीदने में भुगतान की कोई समस्या नहीं है और इस खरीद में हाल में आई गिरावट उसकी तरफ से दी जाने वाली कम छूट का नतीजा है।
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