पुणे के कार्यक्रम को लेकर महाविकास अघाड़ी में हड़कंप मचा हुआ है। कांग्रेस और शिवसेना उद्धव खुलकर शरद पवार को कार्यक्रम में ना जाने की नसीहत दे रहे थे लेकिन शरद पवार ने उनकी बातों को तवज्जो नहीं दिया।
शरद पवार इस कार्यक्रम के चीफ गेस्ट हैं, इसलिए नरेंद्र मोदी को सम्मानित करने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। वहीं, पवार की पीएम मोदी के साथ मंच की मौजूदगी I.N.D.I.A. के नेताओं को खटक रही है।
अजित पवार द्वारा दो जुलाई को की गई बगावत के बाद महाविकास अघाड़ी के तीनों नेताओं ने पहली बार एक साथ किसी कार्यक्रम में भाग लिया।
विपक्षी दलों की पटना और बेंगलुरु में दो बैठकें हो चुकी हैं और तीसरी बैठक मुंबई में होने वाली है लेकिन इस बैठक की तारीखों में बदलाव हो सकता है। इसकी वजह भी सामने आई है।
क्या अजित पवार का मंत्रियो और विधायकों के साथ शरद पवार से मिलना और उन्हें मनाने की कोशिश रंग लाती दिख रही है? कल ही अजित पवार ने बतौर वित्तमंत्री एनसीपी के सभी विधायकों को जमकर फंड भी दिया है।
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को बड़ा झटका देते हुए नागालैंड में पार्टी के सभी नेताओं ने अजित गुट को अपना समर्थन देने का फैसला किया है।
महाराष्ट्र में अजित पावर गुट ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से कुछ ही घंटों के अंदर दूसरी बार मुलाकात की जिसके बाद सियासी पंडित कई तरह की अटकलें लगा रहे हैं।
आज की बैठक ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले अजित पवार ने अपनी मंत्रिस्तरीय टीम और अन्य नेताओं के साथ रविवार दोपहर को शरद पवार को फोन किया था, इससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी।
शरद पवार विपक्षी दलों की बैठक में कल शामिल होंगे। खबर है कि एनसीपी चीफ आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं, जिसमें वो अपनी भूमिका स्पष्ट कर सकते हैं।
सूत्रों की मानें तो नाराज चल रहे शरद पवार को मनाने की कोशिश अजित पवार और उनके साथी मंत्री व विधायक कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर शरद पवार मान जाते हैं तो केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में सुप्रिया सुले का मंत्री बनने का रास्ता साफ हो सकता है।
अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत करने के बाद अजित पवार पहली बार सिल्वर ओक गए। अजित पवार अपनी चाची प्रतिभा के करीबी माने जाते हैं और प्रतिभा की सर्जरी हुई है।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार कल देर रात जैसे ही NCP सुप्रीमो शरद पवार के घऱ पहुंचे तो राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गईं। महाराष्ट्र के वित्त मंत्री बनने के कुछ घंटे बाद ही अजित चाचा शरद से मिलने पहुंचे।
महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल जारी है। अजित पवार के दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात होने वाली है। इसे लेकर शरद कैंप ने तंज कसा है और कहा है कि जो राजा थे वे अब सूबेदार बन रहे हैं।
इस साल दो जुलाई को राकांपा में अजित पवार के नेतृत्व में बगावत हुई और वह उपमुख्यमंत्री के रूप में शिंदे सरकार में शामिल हो गए। राकांपा के आठ अन्य विधायकों ने शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।
रविवार 2 जुलाई को शपथ ग्रहण कार्यक्रम में अकोला से विधायक किरण लाहमटे अजित पवार के साथ दिखे थे, लेकिन उसके बाद वह शरद पवार गुट में लौट आये थे। वहीं अब एक बार फिर से उन्होंने पलटी मारी है।
भतीजे अजित पवार के अलग हो जाने के बाद शरद पवार एकबार फिर से मैदान में उतर चुके हैं। वह येवला में शनिवार को एक रैली करके राज्यव्यापी दौरा शुरू कर रहे हैं। येवला पार्टी के बागी नेता और मंत्री छगन भुजबल का निर्वाचन क्षेत्र है।
शरद पवार ने आज एक बार फिर कहा कि एनसीपी का अध्यक्ष में ही हूं। उन्होंने दिल्ली में पार्टी कार्यकारिणी की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बात कही।
मैं शरद पवार की इस हिम्मत की दाद दूंगा कि स्वास्थ्य उनका साथ नहीं देता, उम्र भी उनकी तरफ़ नहीं है, वो सारे नेता जिन्हें उन्होंने बनाया था साथ छोड़ गए, तो भी वो युद्ध के मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं.
दिल्ली में शरद पवार के आवास पर एनसीपी कार्यकारिणी की अहम बैठक हुई। इस बैठक प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे और शिंद सरकार में शामिल होनेवाले 9 विधायकों को पार्टी से निकालने से फैसला लिया गया।
अजित पवार ने अपने चाचा व एनसीपी चीफ शरद पवार से बगावत कर दी है। लेकिन यह इकलौती ऐसी पार्टी नहीं है जिसमें चाचा और भतीजे के बीच विवाद देखने को मिला है। इससे पहले भी कई बार चाचा-भतीजे के बीच विवाद देखने को मिला है जो चर्चा का कारण बन चुका है।
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