शेयर बाजार निवेशक बाजार खुलने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। अगर किसी दिन बाजार न खुलें तो उनके लिए समय निकालना मुश्किल होता है। ऐसे में क्या आज ईद के अवसर पर स्टॉक मार्केट खुलेगा। आइए जानते हैं?
निवेशकों के लिहाज से यह साल जबरदस्त रहा। सेंसेक्स, निफ्टी, मिड-कैप और स्मॉल-कैप, सोना और क्रूड में निवेश करने वाले निवेशकों को बंपर रिटर्न मिला।
Share Market News : निफ्टी पैक के शेयरों में सबसे अधिक तेजी डॉ रेड्डी, पारवग्रिड, विप्रो, टाटा कंज्यूमर और एसबीआई के शेयर में देखने को मिली। वहीं, अपोलो हॉस्पिटल, बजाज ऑटो, मारुति, ब्रिटानिया और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘यह सप्ताह कम कारोबारी सत्रों का है। डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 4,212.76 करोड़ रुपये शेयर खरीदे।
आरबीआई ने एनपीसीआई को नियमों के अनुसार, पेटीएम ऐप के निरंतर यूपीआई संचालन के लिए यूपीआई चैनल के लिए थर्ड-पार्टी एप्लिकेशन प्रदाता (टीपीएपी) बनने के लिए वन97 कम्युनिकेशन (ओसीएल) के अनुरोध की जांच करने की सलाह दी है।
इक्विटी में बचत अभी भी भारतीय परिवारों में कुल निवेश का एक छोटा सा हिस्सा है। भारत के घरेलू बचत डेटा के हमारे स्वामित्व विश्लेषण से पता चलता है कि घरेलू संपत्ति और वार्षिक बचत के प्रतिशत के रूप में इक्विटी होल्डिंग्स और प्रवाह 5 प्रतिशत से कम है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे ने कहा कि निफ्टी ने दैनिक चार्ट पर एक मंदी का पैटर्न बनाया है, जो चल रही रैली में संभावित ठहराव का संकेत देता है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि सूचकांकों ने अन्य एशियाई बाजारों के विपरीत अपनी तेजी जारी रखी। उन्हें मुद्रास्फीति के आंकड़ों से मदद मिली। उन्होंने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में भारी खरीदारी ने प्रमुख सूचकांकों को नई ऊंचाई दी।
मोतीलाल ओसवाल ने एसबीआई के स्टॉक पर भरोसा जताते हुए नया टारगेट ₹860 प्रति शेयर कर दिया है। इसका मतलब है कि यहां से स्टॉक में अभी 15% की तेजी की संभावना है।
स्टील पाइप और ट्यूब बनाने वाली कंपनी विभोर स्टील ट्यूब्स के आईपीओ को प्रस्ताव पर 35,92,445 शेयरों के मुकाबले 9,89,99,604 शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुईं। गैर-संस्थागत निवेशकों ने 28.48 गुना सब्सक्राइब किया।
जानकारों का कहना है कि अनेक ब्रोकिंग हाउस, चैनल और कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर इस तरह के काम करते हैं। वे पहले शेयर खरीदने की सिफारिश करते हैं, जिन्हें वे बेचना चाहते हैं। जब निवेशक खरीदना शुरू करते हैं तो शेयरों की कीमतें बढ़ जाती हैं। फिर यही लोग अपने शेयर बेच कर मुनाफा कमा लेते हैं।
आईटी शेयरों में भारी तेजी के चलते भारतीय शेयर बाजार शुरुआती कारोबार में अच्छी-खासी बढ़त लेकर ट्रेड कर रहा है। सोमवार सुबह निफ्टी आईटी में 3.33 फीसदी की तेजी देखने को मिली। विप्रो 10 फीसदी से अधिक उछल गया है।
बीते हफ्ते बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 214.11 अंक या 0.29 प्रतिशत के नुकसान में रहा था। सबसे अधिक नुकसान टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और एचडीएफसी बैंक को हुआ।
नए साल की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति घटकर 2.5 प्रतिशत से नीचे आ सकती है। इससे रिजर्व बैंक अपना रुख बदलेगा और दरों में आधा प्रतिशत की कटौती करेगा।
यस बैंक के शेयर में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। सोमवार को शुरुआती कारोबार में यह शेयर 23 रुपये के 52 वीक हाई लेवल पर पहुंच गया। इस शेयर ने 21 रुपये के लेवल पर फ्रेश ब्रेकआउट दिया है। शॉर्ट टर्म में इस शेयर में तेजी के संकेत हैं।
इस साल कुल 105 आईपीओ बाजार में आए। इनमें से 83 आईपीओ लिस्टिंग के दिन निवेशकों को मुनाफा देकर गए। वहीं, 22 आईपीओ ने लिस्टिंग के दिन निवेशकों को निराश किया। कुछ शेयर ऐसे भी रहे, जिनकी लिस्टिंग अच्छी नहीं रही, लेकिन बाद में अच्छा मुनाफा दिया।
शुक्रवार को 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 303.91 अंक यानी 0.44 प्रतिशत बढ़कर 69,825.60 के अपने नए शिखर पर पहुंच गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के सूचकांक निफ्टी ने 21,000 का अहम मुकाम पार किया और शुक्रवार को कारोबार के दौरान 21,006.10 के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया।
आपको बता दें कि बुधवार को निफ्टी लगातार सातवें सत्र में रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ था। एक्सपर्ट का कहना है कि राजनीतिक अनिश्चितता के कारण शुरुआत में सतर्क रहे एफपीआई पैसा लगा रहे हैं। हालांकि, छोटे निवेशकों को सर्तक रहने की जरूरत है।
अमेरिका में मुद्रास्फीति में उम्मीद से बेहतर गिरावट ने बाजार को यह मानने का विश्वास दिला दिया है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने दरों में बढ़ोतरी कर दी है। इसके परिणाम स्वरूप अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में तेजी से गिरावट आई है और 10-वर्षीय बेंचमार्क बॉन्ड प्रतिफल अक्टूबर मध्य में पांच प्रतिशत से घटकर अब 4.40 प्रतिशत हो गया।
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