रूसी पर्यटकों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वे एक मंदिर में पूरे विधि विधान के अनुसार राहु-केतु की पूजा कराते हुए नजर आ रहे हैं।
इस मंदिर को 12वीं सदी में बनवाया गया था। मंदिर में भगवान शिव की पूजा होती है। इसे गुजरात के सोमनाथ मंदिर के तर्ज पर बनाया गया है।
MP News: मामला भोपाल के हनुमांगज थाने का है। छोला में धर्म कांटा इलाके के शिव मंदिर में यह घटना हुई।
Sawan Somwar 2022: 18 जुलाई को सावन महीने का पहला सोमवार है। इस दिन बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है। पहले सावन सोमवार को शोभन योग बन रहा है।
दशकों बाद गुलमर्ग का शिव मंदिर जनता के लिए 1 जून यानि मंगलवार से खुलेगा। भारतीय सेना ने गुलमर्ग के शिव मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य किया है। गुलमर्ग में सेना की बटालियन ने स्थानीय लोगों की मदद से गुलमर्ग के शिव मंदिर का फिर से मरम्मत करके ठीक किया है।
मान्यता हैं कि पौराणिक काल में भगवान शिव जब सती की अग्नि-समाधि से काफी दुखी हुए थे तो उनके आंसू दो जगह गिरे थे। एक से कटासराज सरोवर का निर्माण हुआ तो दूसरे से पुष्कर का।
कुछ इतिहासकार इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं कि ताजमहल को शाहजहां ने मुमताज के लिए बनवाया था। उनका मानना है कि ताजमहल को शाहजहां ने नहीं बनवाया था वह तो पहले से बना हुआ था। उसने इसमें हेर-फेर करके इसे इस्लामिक लुक दिया था। इतिहासकार पुरुषोत्त ओक ने अपनी
गौरतलब है कि ताजमहल को दुनिया के सात अजूबों में एक माना जाता है। मुगल बादशाह शाहजहॉं 1628-1658 ने अपनी बेगम अर्जुमंद बानो बेगम मुमताज महल की याद में इसे बनवाया था। आचार्यलु ने सिफारिश की है कि मंत्रालय ताजमहल की उत्पत्ति से जुड़े मामलों पर अपने रूख क
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