सरकार ने देश में नए रोजगार के अवसर पैदा करने और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स की परिभाषा में बदलाव किया है।
इनोवेशन और पैसों की कमी के कारण भारत के 90 फीसदी से ज्यादा स्टार्टअप पहले पांच सालों में ही बंद हो जाते हैं। IBM ने एक अध्ययन में यह जानकारी दी है।
आदित्यनाथ ने लखनऊ हवाईअड्डे के समीप देश का सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इन्क्यूबेटर में स्थापित किए जाने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
स्नैपडील, स्टेजिला के पूर्व कर्मचारियों के लिए पेटीएम एक राहत बनकर आई है। मोबाइल वॉलेट कंपनी ने इन कंपनियों से निकाले गए सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरी दी है।
माइक्रोसॉफ्ट के नडेला ने भारत में उद्यमिता ऊर्जा की सराहना की। कहा भारत संभवत दुनिया की एक ऐसी जगह है जहां उद्यमिता ऊर्जा आनुपातिक वृद्धि करने में सक्षम है।
जाइओस मोबाइल्स ने दमदार बैटरी के साथ नया मोबाइल थंडर मेगा लॉन्च किया है। 1803 कीमत वाले इस फोन की सबसे बड़ी खासियत इसकी दमदार बैटरी क्षमता है।
मोदी सरकार का फोकस लगता है अब स्टार्ट-अप्स से पूरी तरह हट गया है। सरकार ने इंडिया एस्पीरेशन फंड के लिए 2017-18 के लिए एक भी रुपए का प्रावधान नहीं किया।
8 नवंबर 2016 को लागू किए गए नोटबंदी के फैसले और इससे अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को लेकर अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी आशंका जाहिर की है।
सच्चा खिलाड़ी हमेशा आगे बढ़ेगा और बढ़ता ही जाएगा। 2016 को 5 बड़े स्टार्टअप के बंद होने के लिए याद रखा जाएगा। इन स्टार्टअप ने फंड भी हासिल किया था।
होटल के कमरे का किराया बजट से ज्यादा होने के कारण ग्राहक वहां कमरे की बुकिंग नहीं कराते लेकिन अब एक स्टार्टअप ग्राहकों की इस समस्या का समाधान लेकर आया है।
नकदी संकट से जूझ रहने लोगों के लिए राहत की खबर है। अब छोटी राशी के लिए आपको लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। tailmill.com कैश आपके घर डिलिवर करवा देगा।
देश में पहली बार राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर नीति का मसौदा जारी किया है। इसका लक्ष्य वैश्विक बाजार में भारतीय सॉफ्टवेयर उत्पादों की 10 गुना हिस्सेदारी बढ़ाना है।
सेबी ने स्टार्ट-अप कंपनियों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए एंजल निवेश के नियमों में ढील दी है। निवेशक अब पांच साल तक पुरानी इकाइयों में पूंजी लगा सकेंगे।
भारत में वर्ष 2020 तक देश में इस तरह के स्टार्टअप की संख्या 2.2 गुणा बढ़कर 10,500 तक पहुंचने की उम्मीद है। नैस्कॉम की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
रेलयात्री डॉट इन ने अपने मौजूदा निवेशकों इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी, हेलियन वेंचर्स, ओमिद्यार पार्टनर्स और ब्लूमे वेंचर्स से नई फंडिंग जुटाई है।
फंड की समस्या से जूझ रही भारतीय स्टार्टअप्स इंडस्ट्री में 2016 की शुरुआत से ही विलय और अधिग्रहण (एमएंडए) में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है।
अमेरिकन टेक्नोलॉजी दिग्गज एप्पल इंक (Apple) ने हैदराबाद स्थित आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस स्टार्टअप टपलजंप का अधिग्रहण किया है।
फ्यूचर ग्रुप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) किशोर बियानी ने कहा कि स्टार्टअप की स्थिति निराशाजनक है और उनमें से 90 फीसदी में कुछ नहीं होने जा रहा।
सात भारतीय स्टार्टअप्स की वैल्यूएशन एक अरब डॉलर है। देश में कम से कम 50 ऐसे सूनीकॉर्न (क्षमतावान स्टार्टअप) हैं, जिनमें यूनीकॉर्न बनने की क्षमता है।
भारतीय स्टार्टअप्स पिछले कुछ सालों से निवेशकों से मिले पैसे पर खूब तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। एंटरप्रेन्योर्स का एक ग्रुप फंड के लिए संघर्ष कर रहा है!
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