15 सितंबर 2025 से अब UPI के जरिए आसानी से करें बड़े भुगतान! NPCI ने बीमा प्रीमियम और पूंजी बाजार जैसी कैटेगरी के लिए 24 घंटे के भीतर लेनदेन की सीमा बढ़ाकर ₹10 लाख कर दी है, जिससे बड़े भुगतान पहले से कहीं ज्यादा आसान और तेज हो गए हैं।
एनपीसीआई ने एक बयान में कहा है कि बढ़ी हुई लिमिट 5 लाख रुपये तक के टैक्स भुगतान से जुड़ी कैटेगरी के अंतर्गत आने वाली संस्थाओं पर लागू होगी।
खर्चों की ट्रैकिंग और कैटेगराइजेशन: ज्यादातर UPI ऐप्स आपके खर्चों को ऑटोमैटिकली कैटेगराइज़ कर देते हैं – जैसे ग्रॉसरी, ट्रैवल, यूटिलिटी बिल्स आदि। ये ऐप्स साप्ताहिक और मासिक रिपोर्ट्स के साथ-साथ मंथली स्पेंड चार्ट और मर्चेंट-वाइज टोटल भी दिखाते हैं। बजटिंग के लिहाज से ये फीचर बेहद मददगार है। इससे आपको यह जानने में आसान
बैलेंस जानने की होगी लिमिट: यूजर्स यूपीआई के जरिये प्रति ऐप प्रतिदिन केवल 50 बार अपने खाते का बैलेंस देख सकते हैं। यह सीमा केवल मैन्युअल, उपयोगकर्ता द्वारा शुरू किए गए अनुरोधों के लिए है। ऐप्स को अब बैकग्राउंड बैलेंस जांच करने की अनुमति नहीं होगी।
भारतीय स्टेट बैंक की सब्सिडरी कंपनी- एसबीआई कार्ड अपने ग्राहकों के लिए अगस्त में नया नियम लागू करने जा रही है।
UPI यूजर्स के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही यूपीआई लेनदेन में बायोमेट्रिक का इस्तेमाल कर पेमेंट कर पाएंगे। सूत्रों ने पुष्टि की है कि NPCI, जो इस सुविधा पर काम कर रहा है।
बैंक ने कहा है कि इस दौरान एचडीएफसी बैंक के करेंट और सेविंग्स अकाउंट के साथ-साथ रुपे कार्ड पर भी किसी तरह के यूपीआई ट्रांजैक्शन्स नहीं हो पाएंगे।
UPI के आने के बाद से लोगों ने कैश रखना कम कर दिया है। ऐसे में अगर UPI का सर्वर क्रैश हो जाए या फिर आप ऑफलाइन हैं, तो भी आप डिजिटल पेमेंट कर सकते हैं। इसके लिए आप इन दो तरीकों को आजमा सकते हैं।
UPI यूजर्स को साइबर एक्सपर्ट्स ने एक नई ठगी के बारे में अलर्ट किया है। स्कैमर्स इन दिनों PhonePe, Paytm, Google Pay जैसे दिखने वाले नकली ऐप्स बनाए हैं, जिसका इस्तेमाल करके लोगों के साथ ठगी किया जा रहा है।
NPCI के अनुसार, UPI आईडी से जुड़े इनएक्टिव मोबाइल नंबर सुरक्षा के लिए खतरा हैं। जो यूजर्स अपने मोबाइल नंबर बदलते या निष्क्रिय करते हैं, वे अक्सर यूपीआई आईडी को डिलीट नहीं करते हैं, जिससे वे संभावित जोखिम बन जाते हैं।
1 अप्रैल से Google Pay, PhonePe, Paytm आदि से UPI पेमेंट करने में दिक्कत आ सकती है। NPCI ने बैंकों और यूपाई ऐप्स को इनएक्टिव मोबाइल नंबर को सिस्टम से हटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, हर सप्ताह ऐसे नंबरो की लिस्ट जारी करने के लिए भी कहा है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2000 रुपये से कम के यूपीआई ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ रुपये की इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी दे दी। इस स्कीम के तहत सरकार किसी व्यक्ति द्वारा दुकानदार को किए गए 2000 रुपये से कम के भुगतान पर एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) व्यय वहन करेगी।
अगर आप रोजमर्रा के छोटे खर्चों (चाय, नाश्ता, ट्रैवल टिकट आदि) के लिए सुरक्षित डिजिटल भुगतान चाहते हैं, तो UPI लाइट एक बेहतरीन विकल्प हो है। NPCI ने प्रमुख बैंकों के साथ मिलकर इसे लागू किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल पे ने यूजर्स से बिजली का बिल, गैस का बिल जैसी पेमेंट के लिए कन्वीनियंस फीस वसूला है। हालांकि, ये वसूली तब की गई है जब यूजर ने क्रेडिट कार्ड से इन बिल का पेमेंट किया है। क्रेडिट या डेबिट कार्ड से बिजली और गैस का बिल भरने वाले यूजर्स से अब फीस लिया जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि UPI ट्रांजैक्शन फेल होने की स्थिति में सहज और प्रभावी बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। नई ऑटोमेटेड प्रक्रिया 15 फरवरी, 2025 यानी आज से शुरू हो रही है। संशोधित चार्जबैक प्रक्रिया के लागू होने से स्थिति और बेहतर होगी।
1 फरवरी, 2025 से कोई भी UPI पेमेंट ऐप ट्रांजैक्शन आईडी बनाने के लिए @, $, &, # जैसे स्पेशल कैरेक्टर का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। इसका सीधा मतलब ये हुआ कि जिन यूपीआई ऐप्स से ट्रांजैक्शन करने पर स्पेशल कैरेक्टर वाले ट्रांजैक्शन आईडी बनते हैं, उन्हें सेंट्रल सिस्टम एक्सेप्ट नहीं करेगा और ट्रांजैक्शन फेल हो जाएंगे।
भारतीय स्टेट बैंक ने अपने ग्राहकों को एक टेक्स्ट मैसेज कर चेतावनी दी है और सतर्क रहने की अपील की है। एसबीआई ने मैसेज में लिखा है, ''प्रिय एसबीआई ग्राहक, अप्रत्याशित डिपॉजिट के बाद तत्काल पैसे वापस करने वालेस अनुरोधों से सावधान रहें। सत्यापन के बिना कलेक्ट यूपीआई रिक्वेस्ट को अप्रूव न करें।''
एनपीसीआई ने कहा कि लेनदेन का मूल्य नवंबर में 21.55 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले दिसंबर 2024 में 23.25 लाख करोड़ रुपये रहा। मूल्य के संदर्भ में, दिसंबर में औसत दैनिक लेनदेन 74,990 करोड़ रुपये रहा। इसकी तुलना नवंबर में 71,840 करोड़ रुपये से की गई।
UPI के जरिए डिजिटल पेमेंट करने वाले यूजर्स के लिए नए साल में कई नियम बदलने वाले हैं। यूजर्स को अब UPI पेमेंट करने में पहले के मुकाबले ज्यादा लिमिट मिलने वाली है। साथ ही, UPI Circle फीचर को पहले के मुकाबले ज्यादा ऐप्स में उपलब्ध कराया जाएगा।
आरबीआई ने कहा है कि एक प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स जारीकर्ता अपने ग्राहक प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स को अपने यूपीआई हैंडल से जोड़कर सिर्फ अपने फुल केवाईसी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट होल्डर को यूपीआई पेमेंट करने में सक्षम होगा।
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