रूस द्वारा विकसित की गई कोविड-19 वैक्सीन को लेकर भारत और रूस में बातचीत चल रही है। यह जानकारी भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से दी गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उम्मीद जताई है कि कोरोना वायरस संकट अगले दो साल में खत्म हो जाएगा। डब्ल्यूएचओ चीफ टेड्रोस एडहानॉम ने शु्क्रवार को यह बात कही।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गुजरात में कोरोना वायरस रोकथाम के लिए अधिकारियों द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों की तारीफ की है।
महामारी के शुरुआती दिनों से ही यह दावा किया जा रहा था कि हर्ड इम्यूनिटी के जरिए दुनिया से इस महामारी को खत्म किया जा सकता है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का ताजा बयान ऐसी किसी भी संभावना पर पानी फेरता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के ताजा आंकड़ों के अनुसार अभी दुनिया में कोरोना वायरस के 140 से अधिक टीकों का अनुसंधान हो रहा है, जिनमें 28 का क्लिनिकल परीक्षण शुरू हो चुका है। इन 28 टीकों में 6 का क्लिनिकल परीक्षण अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है।
रूस के कोविड-19 का टीका विकसित करने पर संदेह को लेकर भारत समेत दुनिया के कई वैज्ञानिकों का कहना है कि समय की कमी को देखते हुए इसका समुचित ढंग से परीक्षण नहीं किया गया है और इसकी प्रभावशीलता साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हो सकते हैं।
सिंगापुर में कोविड-19 के टीके के लिए प्रारंभिक स्तर का क्लीनिकल परीक्षण शुरू हो गया है और अगले सप्ताह ट्रायल में शामिल लोगों को पहला टीका दिया जा सकता है।
कर्नाटक में शुक्रवार को कोविड-19 के 6,670 नए मामले सामने आए, जिसके साथ ही राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढकर 1,64,924 हो गई। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस महामारी से 101 और लोगों की मौत होने के बाद मृतक संख्या 2,998 तक पहुंच गई।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लोगों को चेतावनी दी हैं कि कोरोना वायरस पर बदलते मौसम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसलिए ऐसे समय में खुद का विशेष ध्यान रखें।
कुछ दिन पहले हीं उत्तर कोरिया में भारत के राजदूत अतुल एम गोतसर्वे ने तानाशाह किम जोंग उन को बधाई संदेश दिया था जो अब चर्चा का विषय बन गया है। भारतीय राजदूत के संदेश को न केवल उत्तर कोरिया के सरकारी अखबार में जगह दी गई बल्कि टीवी पर भी उसका प्रसारण किया गया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना महामारी से निपटने में ''धारावी मॉडल'' की तारीफ किए जाने पर कहा कि इस सफलता के लिए वहां की जनता विशेष रूप से शाबाशी की हकदार है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के दो विशेषज्ञ कोविड-19 वैश्विक महामारी की उत्पत्ति का पता लगाने के एक बड़े अभियान के तहत जमीनी काम पूरा करने के लिए अगले दो दिन चीन की राजधानी बीजिंग में बिताएंगे।
अमेरिका के, विश्व स्वास्थ्य संगठन से अलग होने के फैसले की चीन ने आलोचना करते हुए कहा कि यह एक और उदाहरण है जब अमेरिका ने एकतरफा कदम उठाया है।
खबर है कि अमेरिका ने मंगलवार को आधिकारिक तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन से अलग होने का फैसला किया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की शीर्ष वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने गुरुवार को कहा कि संगठन इस साल के अंत से पहले कोविड-19 का टीका उपलब्ध होने को लेकर आशावादी है।
कोरोना वायरस संक्रमण का उपचार ढूंढने के लिए पूरी दुनिया में चल रहे शोधों के बीच, वैज्ञानिकों का कहना है कि कोविड-19 बीमारी से बचाव के लिए टीका विकसित करने में कम से कम एक साल लग सकता है।
रसायन विज्ञान में 1995 का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले मारियो जे मोलिना समेत वैज्ञानिकों ने महामारी के तीन केंद्रों चीन के वुहान, अमेरिका में न्यूयॉर्क शहर और इटली में इस संक्रमण की प्रवृत्ति और नियंत्रण के कदमों का आकलन करके कोविड-19 के फैलने के मार्गों का आकलन किया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्यूएचओ) का कहना है कि अफ्रीका में महामारी में ‘‘तेजी आ रही है’’। संगठन ने इस ओर भी ध्यान दिलाया कि महाद्वीप में कोरोना वायरस के एक लाख मामले पहुंचने में 98 दिन लग गए जबकि इनकी संख्या दो लाख पहुंचने में सिर्फ 18 दिन लगे।
ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो ने WHO पर ‘पक्षपातपूर्ण’ और ‘राजनीतिक’ होने का आरोप लगाते हुए अपने देश को इससे निकाल लेने की धमकी दी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना के इलाज में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाई को ट्रायल के तौर पर फिर इस्तेमाल शुरू करने का फैसला लिया है।
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