New Highs: शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई है। बाजार की इस तेजी में निफ्टी ने पहली बार 9200 के महत्वपूर्ण स्तर को छुआ है।
मेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर फैसला आने से पहले घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत हल्की गिरावट के साथ हुई है। सेंसेक्स 8, निफ्टी 4 अंक नीचे है।
देश में खुदरा मुद्रास्फीति दर फरवरी के दौरान बढ़कर 3.65 प्रतिशत पर पहुंच गई। ऐसा खाद्य और ईंधन की कीमतों में तेज वृद्धि की वजह से हुआ है।
महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को बड़ा झटका लगा है। फरवरी में थोक महंगाई दर (WPI) 6.55 फीसदी पहुंच गई, जो लगभग 39 महीनें का उच्चतम स्तर है।
चुनाव के नतीजों के बाद, बाजार विश्लेषकों ने मंगलवार को शेयर बाजारों की सकारात्मक शुरुआत की भविष्यवाणी की है। वहीं, निवेशकों की नजर वैश्विक संकेतों पर भी है।
सरकार नए आधार वर्ष 2011-12 के साथ दो वृहत आर्थिक संकेतक औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) और थोक मूल्य सूचकांक (WPI) को अप्रैल अंत तक जारी कर सकती है।
जनवरी में थोक महंगाई दर बढ़कर 30 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। दिसंबर के मुकाबले जनवरी में थोक महंगाई दर 3.39 फीसदी से बढ़कर 5.25 फीसदी हो गई।
देश की थोक मूल्य कीमतों पर आधारित वार्षिक महंगाई दर दिसंबर 2016 में बढ़कर 3.39 फीसदी रही है। नवंबर माह में यह दर 3.15 फीसदी थी।
आगामी सप्ताह भारतीय शेयर बाजार की दिशा बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजों तथा आगामी बजट से निवेशकों की उम्मीदों से तय होगी।
नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर (डब्ल्यूपीआई) लगातार तीसरे महीने गिरकर 3.15 फीसदी पर आ गई है। अक्टूबर में थोक महंगाई दर 3.39 फीसदी थी।
थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर (डब्ल्यूपीआई) अगस्त में बढ़कर 3.74 फीसदी पर पहुंच गई, जो इसका दो साल का उच्चस्तर है। इस दौरान आलू और दाल में तेजी आई।
विशेषज्ञों का मानना है कि छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सत्र वाले चालू सप्ताह के आईआईपी और महंगाई दर जैसे बड़े आंकड़े शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे।
सब्जियों, दालों और चीनी के दाम बढ़ने से थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर भी जुलाई माह में तेजी से बढ़ती हुई 3.55 फीसदी पर पहुंच गई।
इस सप्ताह के दौरान भारतीय शेयर बाजार को थोक महंगाई के आंकड़ों, मानसून की स्थिति और विदेशी निवेशकों के निवेश के रूख से दिशा मिलेगी।
मंडियों में आवक कम होने से सब्जियों के दाम पिछले तीन-चार महीने में 100 प्रतिशत तक चढ़ गए हैं। थोक और खुदरा बाजार में भारी अंतर हैं।
ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी एचएसबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में रिटेल महंगाई दर अगले दो महीने में छह फीसदी से अधिक रहने का अनुमान लगाया है।
देश में महंगाई की आग और भड़कने लगी है। जून में थोक वस्तुओं की महंगाई दर में जोदार इजाफा हुआ है। यह पिछले महीने 1.62 फीसदी पहुंच गई।
खाने पीने की वस्तुओं के आसमान छूते दाम के बीच मई में थोक महंगाई दर में जोरदार इजाफा हुआ है। मई में थोक महंगाई की दर बढ़कर 0.79 फीसदी पर पहुंच गई।
शेयर बाजार की दिशा महंगाई दर के आंकड़े, मानसून की चाल और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक सहित प्रमुख वैश्विक घटनाक्रम इस हफ्ते निर्धारित करेंगे।
अप्रैल में थोक अधारित महंगाई दर (डब्ल्यूपीआई) (-)0.85 फीसदी से बढ़कर 0.34 फीसदी पर पहुंच गई है। इससे पहले रिटेल महंगाई में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़