प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज में समानता के साथ समरसता कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी और परमार्थ निकेतन के प्रमुख चिदानंद सरस्वती समेत कई प्रमुख साधु-संत शामिल हुए।
सीएम धामी ने क्या कहा?
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, 'उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। समान नागरिक संहिता सभी के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करेगी। समान नागरिक संहिता में ऐसा प्रावधान किया गया है कि अब कोई भी अपनी पहचान नहीं छुपा पाएगा। अब आफताब जैसा कोई व्यक्ति श्रद्धा जैसी बेटी के साथ क्रूरता नहीं कर पाएगा। मुझे पूरा विश्वास है कि भारत के सभी राज्यों में समान नागरिक संहिता लागू होगी।'
चिदानंद सरस्वती ने क्या कहा?
परमार्थ निकेतन के प्रमुख चिदानंद सरस्वती ने 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' के नारे लगवाए और कहा कि आज एक बहुत बड़ी घटना का महोत्सव है। इस देश को जिसकी आवश्यकता थी, उसका महोत्सव है। उन्होंने कहा कि आज हमारे साथ सभी पूज्य संत विराजमान हैं। मैं उन सबकी विद्वता को प्रणाम करता हूं।
उन्होंने कहा कि भारत में ईश्वर की आत्मा बसती है। लोग चारों धाम और तीर्थों को चुनते हैं लेकिन ये पहला अवसर है कि चारों धामों ने जिनको चुना है, ऐसे हमारे सीएम पुष्कर धामी हैं। ये हमारे देश का सौभाग्य है कि जिस प्रदेश में हम बैठे हैं, उसको नेतृत्व प्रदान करने के लिए उत्तराखंड की भूमि ने ही योगी आदित्यनाथ को दिया है।
चिदानंद सरस्वती ने कहा कि जो भूमि भारत के ऊर्जावान, तपस्वी, यशस्वी प्रधानमंत्री को सबसे ज्यादा प्रिय है, वह उत्तराखंड की भूमि है। वहां हिमालय और गंगा है। सीएम धामी को उसकी सेवा करने का मौका मिला है। वह हमारे साथ मौजूद हैं। आज का कार्यक्रम पूरे विश्व को एक सूचना है कि भारत कर सकता है। सीएम धामी ने भारत माता की मांग को भर दिया। वो मांग सूनी थी।