कोलकाता/संभलपुर: पश्चिम बंगाल के एक 30 साल के प्रवासी मजदूर जुएल शेख की ओडिशा के संभलपुर जिले में कथित तौर पर बेरहमी से पिटाई के बाद मौत हो गई। ओडिशा पुलिस का कहना है कि यह मौत एक बीड़ी मांगने पर हुए झगड़े के बाद हुई, लेकिन बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इसे बीजेपी की बंगालियों के खिलाफ नफरत भरी मुहिम का नतीजा बताया है। TMC का आरोप है कि मजदूर को अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिया समझकर पीट-पीटकर मार डाला गया।
बीड़ी मांगने पर शुरू हुई थी बहस
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुएल शेख पश्चिम बंगाल से कुछ अन्य साथियों के साथ संभलपुर के शांति नगर इलाके में एक इमारत के निर्माण कार्य में लगा हुआ था। यह जगह आइंथापल्ली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आती है। बुधवार की रात, जब वे काम से वापस लौट रहे थे, तभी 6 लोगों के एक ग्रुप ने उन्हें रोका और बीड़ी मांगी। इसी बात पर बहस शुरू हो गई, जो जल्दी ही हाथापाई में बदल गई। पुलिस के मुताबिक, जुएल को बुरी तरह मारा-पीटा गया। उसे संभलपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
TMC ने घटना को लिंचिंग करार दिया
IGP (उत्तरी रेंज) हिमांशु कुमार लाल ने कहा, 'हमने सभी 6 आरोपियों को पकड़ लिया है। मामले की जांच चल रही है।' लेकिन जब टीएमसी के आरोपों के बारे में पूछा गया, तो IGP ने साफ कहा कि इस हत्या के पीड़ित के बंगाली या बांग्लादेशी होने से कोई ताल्लुक नहीं है। वहीं, TMC ने 'X' पर एक पोस्ट में इसे 'लिंचिंग' करार दिया और BJP पर तीखा हमला बोला। पार्टी ने कहा, 'संभलपुर में एक बंगाली प्रवासी मजदूर की लिंचिंग BJP की बंगालियों के खिलाफ लगातार चलाई जा रही मुहिम का सीधा नतीजा है।'
तृणमूल कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप
TMC ने आगे आरोप लगाया, 'एक भारतीय नागरिक को पीट-पीटकर मार डाला गया, क्योंकि भीड़ ने उस झूठ पर यकीन कर लिया कि बंगाली घुसपैठिए हैं, जिन्हें हर वक्त अपनी नागरिकता साबित करनी पड़ती है। सालों से बीजेपी के नेता जानबूझकर बंगाली भाषी भारतीयों को घुसपैठिए, बाहरी और शक के घेरे में डाल रहे हैं। वह जहरीली कहानी अब सड़कों पर पहुंच गई है, जहां कोई भी खुद को इमिग्रेशन अफसर और जल्लाद समझने लगा है।' पार्टी का मानना है कि ऐसी घटनाएं बंगालियों के लिए खतरा बढ़ा रही हैं, और बीजेपी की राजनीति ने समाज में जहर घोल दिया है।



