Friday, May 10, 2024
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फिजी के राष्ट्रपति को पसंद हैं हिंदी सिनेमा, 'शोले' को बताया सबसे पसंदीदा फिल्म, बोले एस. जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर विश्व हिंदी कॉफ्रेंस में भाग लेने फिजी गए हुए हैं। उन्होंने बताया कि 'मैंने जब फिजी के राष्ट्रपति से पूछा कि उनकी प्रिय फिल्म कौनसी है तो उन्होंने 'शोले' बताया। उन्होंने कहा कि उनको गाना 'ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे' अभी भी याद आता है।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: February 17, 2023 10:53 IST
फिजी के राष्ट्रपति को पसंद है हिंदी फिल्में, 'शोले' को बताया सबसे पसंदीदा फिल्म, बोले एस. जयशंकर- India TV Hindi
Image Source : PTI फिजी के राष्ट्रपति को पसंद है हिंदी फिल्में, 'शोले' को बताया सबसे पसंदीदा फिल्म, बोले एस. जयशंकर

Fiji: हिंदी सिनेमा के कायल तो दुनिया के कई देश हैं। भारतीय फिल्में मिडिल ईस्ट, अफ्रीका और कई एशियाई देशों में खूब देखी जाती है। लेकिन किसी देश के राष्ट्रपति को हिंदी सिनेमा पसंद हो ये और ज्यादा खुशी की बात है। हिंदू बहुल देश फ़िजी के राष्ट्रपति विलियम कैटोनिवरे पर हिंदी फिल्मों का मुझ पर बहुत प्रभाव है और उन्होंने कई हिंदी फिल्में देखी हैं। यह बात विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कही। वे विश्व हिंदी कॉफ्रेंस में भाग लेने फिजी गए हुए हैं। उन्होंने बताया कि 'मैंने जब फिजी के राष्ट्रपति से पूछा कि उनकी प्रिय फिल्म कौनसी है तो उन्होंने 'शोले' बताया। उन्होंने कहा कि उनको गाना 'ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे' अभी भी याद आता है। 

12वां विश्व हिंदी सम्मेलन फिजी में आयोजित हुआ। इस सम्मेलन के समापन समारोह में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने फिजी के नांदी में इस सम्मेलन से जुड़ी कई बातें बताईं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि विश्व हिंदी सम्मेलन एक 'महाकुंभ' की तरह है। हमें यह सम्मेलन एक बार भारत और एक बार विदेश में करना चाहिए और ऐसे करना चाहिए कि जो भी दुनिया में हिंदी प्रेमी हैं और हिंदी को आगे बढ़ाना चाहते हैं उनको अवसर मिले। हमारा लक्ष्य यही है कि कैसे हम हिंदी को विश्व भाषा बनाएं और इसके अलग रूप, पहलू, तरीके हैं।

हिंदी के विषय पर एक वैश्विक नेटवर्क का मंच बनेगा: विदेश मंत्री

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि 'हमारे पास काफी सवाल आए कि आगे का रास्ता क्या होगा? मुझे लगता है कि सब की आशा है कि यह सम्मेलन हिंदी का महाकुंभ होगा, जहां दुनिया के लोग आएंगे। यह हिंदी के विषय में एक वैश्विक नेटवर्क का मंच बनेगा।

फिजी में 140 वर्षों से हो रहा हिंदी भाषा का प्रचार

इस मौके पर फ़िजी के उप प्रधानमंत्री बिमन प्रसाद ने कहा कि भारत की तरफ से यहां पर हो रहे सांस्कृतिक मुद्दों को आगे बढ़ाने के लिए हम यहां पर हो रही हिंदी, तमिल आदि शिक्षण की मांग को पूरा करने के लिए हम तैयार हैं। उन्होंने कहा कि फ़िजी में हिंदी भाषा का प्रचार और प्रसार पिछले 140 वर्षों से हो रहा है। आज जब मैं अपने पूर्वजों को याद करता हूं तो वह अपने साथ रामायण, गीता तो नहीं लाए थे, लेकिन अपने साथ वह अपनी संस्कृति साथ में लाए थे।

फिजी में हिंदी को मजबूत बनाने पर किया जा रहा काम

फ़िजी के उपप्रधानमंत्री बिमन प्रसाद ने आगे कहा कि पिछले कुछ 10-15 सालों में हिंदी के प्रचार और प्रसार को और हिंदी को कैसे पढ़ाया जाता है उसे कम किया गया, उसको कमजोर बनाया गया। लेकिन हमारी सरकार ने कदम अपनाए हैं जिससे हिंदी को मजबूत बनाए जाए। 

विदेश राज्य मंत्री ने इस मौके पर कहा कि विश्व सभ्यता को हिंदी की क्षमताओं का समुचित सहकार प्राप्त हो इसके लिए यह सम्मेलन विश्व हिंदी सचिवालय को बहुराष्ट्रीय संस्था के रूप में विकसित करने तथा प्रशांत क्षेत्र सहित विश्व के अन्य भागों में इसके क्षेत्रिय केंद्र स्थापित करने की आवश्यकता का अनुभव कर रहा है।

12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के समापन समारोह में फिजी के विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने भी फिजी के नांदी में संबोधित किया। उन्होंने कहा कि IT, कृत्रिम मेधा जैसी प्रणालियों का समुचित उपयोग करते हुए हिंदी मीडिया,सिनेमा और जनसंचार के विविध माध्यमों ने हिंदी को विश्व भाषा के रूप में विस्तारित करने की संभावनाओं के नए द्वार खोले हैं।

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