Friday, April 26, 2024
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पाकिस्तान में मस्जिदें खोलने पर डॉक्टर चिंतित, बोले- महामारी ने और आतंक मचाया तो जवाब देना होगा मुश्किल

पाकिस्तान में लगातार फैल रहे कोरोना वायरस के बीच रमजान के महीने में मस्जिदों में सामूहिक नमाज पढ़ने की कुछ शर्तो के साथ इजाजत पर चिकित्सा जगत ने गंभीर चिंता जताई है और सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया है।

IANS Reported by: IANS
Published on: April 22, 2020 22:23 IST
Pakistan- India TV Hindi
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान में लगातार फैल रहे कोरोना वायरस के बीच रमजान के महीने में मस्जिदों में सामूहिक नमाज पढ़ने की कुछ शर्तो के साथ इजाजत पर चिकित्सा जगत ने गंभीर चिंता जताई है और सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया है। बीस डॉक्टरों ने इस संबंध में लिखे एक पत्र में कहा है कि इस फैसले के भयावह नतीजे आ सकते हैं। यह केवल पाकिस्तान नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के मुसलमानों के लिए खतरनाक नतीजों की वजह बन सकते हैं। अगर इस धार्मिक वजह से कोरोना वायरस की महामारी ने और आतंक मचाया तो दुनिया में अन्य जगहों पर महामारी से लड़ने में अच्छी भूमिका निभा रहे मुसलमानों के लिए भी जवाब देना मुश्किल हो जाएगा।

जिन 20 प्रतिष्ठित पाकिस्तानी डॉक्टरों ने उलेमा और सरकार को संबोधित करते हुए यह पत्र लिखा है, उनमें कुछ विदेश में काम कर रहे हैं।

इन चिकित्सकों ने अपने पत्र में लिखा है कि रमजान में मस्जिदों में भारी भीड़ होनी तय है और भीड़ में किस शर्त का पालन हो सकता है, इसका अनुमान ही लगाया जा सकता है। इसके नतीजे बहुत भयावह हो सकते हैं। यह महामारी पाकिस्तान और पूरी मानवता के लिए अभूतपूर्व संकट लेकर आई है। अगर महामारी देश में बेकाबू हुई तो यह न केवल पाकिस्तान को नाकाम साबित कर देगी बल्कि पूरी दुनिया के मुसलमानों के लिए इसके ऐसे नतीजे होंगे जिसका अभी अनुमान भी लगाना मुश्किल है।

डॉक्टरों ने अपने पत्र में उलेमा और सरकार से आग्रह किया है कि वे 'कृपा कर इस्लाम और मुसलमानों की खातिर' मस्जिदों में सामूहिक नमाज के फैसले पर पुनर्विचार करते हुए पहले वाली स्थिति को बहाल करें जिसमें मस्जिद में अधिकतम पांच लोगों के ही होने की अनुमति दी गई थी।

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