Saturday, April 27, 2024
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पाकिस्तान की कोर्ट ने ईशनिंदा कानून में एक ईसाई शख्स को मौत की सजा सुनाई

पाकिस्तान की एक अदालत ने मंगलवार को एक ईसाई व्यक्ति को विवादास्पद ईशनिंदा कानून के तहत मौत की सजा सुनाई। बताया जा रहा है कि लाहौर सत्र अदालत ने आसिफ परवेज मसीह को मृत्युदंड सुनाया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 08, 2020 22:13 IST
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Image Source : AP REPRESENTATIONAL पाकिस्तान से आए दिन ईशनिंदा कानून के जरिए अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न होने की खबरें आती रहती हैं।

लाहौर: पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के नाम पर अल्पसंख्यकों और यहां तक कि कुछ मुसलमानों के साथ होने वाले अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की एक अदालत ने मंगलवार को एक ईसाई व्यक्ति को विवादास्पद ईशनिंदा कानून के तहत मौत की सजा सुनाई। बताया जा रहा है कि लाहौर सत्र अदालत ने आसिफ परवेज मसीह को मृत्युदंड सुनाया है। साथ ही अदालत ने उनके ऊपर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने के अलावा 3 साल कैद की भी सजा सुनाई है। उन्हें कथित रूप से ईशनिंदा करने को लेकर 2013 में गिरफ्तार किया गया था।

जुर्माना भी लगाया, 3 साल कैद की भी सजा सुनाई

एक अदालती अधिकारी ने कहा, ‘लाहौर सेशन कोर्ट ने लाहौर की क्रिश्चियन कॉलोनी यौहाना आबाद के आसिफ परवेज मसीह को मंगलवार को मृत्युदंड सुनाया। अदालत ने उन पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और 3 साल की कैद की सजा भी सुनाई।’ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मंसूर अहमद कुरैशी ने अभियोजन द्वारा सबूत और गवाह पेश करने के बाद उसे दोषी ठहराया। बता दें कि पाकिस्तान की जेलों में हिंदुओं और ईसाइयों समेत सैंकड़ों लोग ईशनिंदा के आरोपों में बंद है। इन लोगों में बड़ी संख्या में मुसलमान भी शामिल हैं। कई बार लोगों को सिर्फ बदला लेने के उद्देश्य से इस काले कानून के तहत फंसा दिया जाता है।

आसिया बीबी पर भी लगा था ईशनिंदा का आरोप
बता दें कि इससे पहले एक ऐसे ही मामले में 2010 में भी 4 बच्चों की मां आसिया बीबी (48) को भी पड़ोसियों से विवाद होने पर इस्लाम का अपमान करने को लेकर दोषी ठहराया गया था। ईसाई धर्म को मानने वाली आसिया ने इस मामले में खुद के बेगुनाह होने की बात कही थी लेकिन उन्हें 8 साल तक कालकोठरी में रखा गया। बाद में 2018 में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। उन्हें उसी साल पाकिस्तान से चले जाने की इजाजत दी गई और अब वह कथित रूप से कनाडा में रह रही हैं।

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