Saturday, April 27, 2024
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मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद मोइज्जू ने तोड़ी परंपरा, जानिए भारत से पहले क्यों चीन की यात्रा करेंगे?

चीन के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू चीन की राजकीय यात्रा पर जा रहे हैं। ऐसा करके वे उस परंपरा को तोड़ रहे हैं, जो मालदीव और भारत के बीच बनी हुई थी। दरअसल, जो भी मालदीव का राष्ट्रपति बनता है वो पहली राजकीय यात्रा भारत की करता है। लेकिन चीन परस्त मोइज्जू ने इस परंपरा को तोड़ दिया है।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: January 08, 2024 11:09 IST
चीन की राजकीय यात्रा पर जा रहे मोइज्जू।- India TV Hindi
Image Source : FILE चीन की राजकीय यात्रा पर जा रहे मोइज्जू।

Maldives President Cina Visit: मालदीव के राष्ट्रपति मोहममद मोइज्जू ने राष्ट्रपति बनने के बाद पहली आधिकारिक यात्रा के लिए भारत की बजाय चीन को चुना। ऐसी परंपरा रही है कि मालदीव का कोई राष्ट्राध्यक्ष चुनकर आता है, तो पारंपरिक रूप से पहले भारत की यात्रा करता है। ऐसा ही नेपाल में भी है कि वहां जो प्रधानमंत्री बनता है, पारंपरिक रूप से पहले भारत की यात्रा करता है। इसका मकसद भारत के प्रति पारस्परिक पारंपरिक संबंधों का एक अनकहा रिश्ता है। लेकिन मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जू ने इस परंपरा को तोड़ दिया है। वे भारत की बजाय अपनी पहली राजकीय यात्रा के रूप में चीन जा रहे हैं। मोइज्जू भारत विरोधी रुख अपनाने के लिए जाने जाते हैं। 

मालदीव की मंत्री मरियम शिउना द्वारा पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद बवाल मचा हुआ है। इस बवाल के बीच राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू अपनी पत्नी साजिदा मोहम्मद सहित रविवार रात चीन के दौरे पर निकले। यह यात्रा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के न्यौते के बाद हो रही है। मोइज्जू के साथ उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी जा रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों शीर्ष नेताओं के बीच रणनीतिक बैठक होगी। साथ ही रिश्ते नए आयाम गढ़ेंगे। यह दौरा 8 से 12 जनवरी तक रहेगा।

पदभार संभालने के बाद मोइज्जू की पहली राजकीय यात्रा

मोहम्मद मुइज्जू को चीन समर्थक राजनेता के रूप में देखा जाता है। राष्ट्रपति मुइजू के पदभार संभालने के बाद यह उनकी दूसरी विदेश यात्रा है। सीओपी28 शिखर सम्मेलन में दुबई पहुंचने से पहले तुर्की का दौरा किया था।  चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग मालदीव के राष्ट्रपति के लिए एक स्वागत समारोह और स्वागत भोज की मेजबानी करेंगे। उन्होंने आगे बताया कि चीन और मालदीव की पुराने समय से मित्रता रही है। राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से पिछले 52 वर्षों में, दोनों देशों ने एक-दूसरे के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया है।

इससे पहले मालदीव के पूर्व राष्ट्रपतियों ने भारत को अपने पहले दौरे के तौर पर चुना था। यहां तक की कट्टर भारत विरोधी नेता मोहम्मद वाहीद ने 2012 में और इसके दो साल बाद अब्दुल्ला यामीन ने भी भारत को ही प्राथमिकता दी थी, लेकिन मुइज्जू ने चीन का प्राथमिकता दी है।

चीन की सरकारी मीडिया ने भारत के खिलाफ उगला जहर

चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने मालदीव को लेकर भारत के खिलाफ फिर जहर उगला है। ग्लोबल टाइम्स ने भारत से चीन मालदीव संबंधों पर और अधिक खुलापन दिखाने की अपील की है। ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा कि  चीन और मालदीव के बीच सहयोग का एक लंबा इतिहास है। दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंध 1981 में शुरू हुए। दिसंबर 2014 में, दोनों देशों के शीर्ष अधिकारी व्यापार और आर्थिक सहयोग पर चीन-मालदीव संयुक्त समिति की पहली बैठक के लिए बीजिंग में मिले।

ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय मीडिया में मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के चीन दौरे की रिपोर्टिंग को लेकर जहर उगला। उसने लिखा कि भारतीय मीडिया ने मोइज्जू की चीन यात्रा पर काफी ध्यान दिया है। भारतीय मीडिया को पहले से अंदाजा था कि मालदीव के राष्ट्रपति भारत यात्रा से पहले चीन का दौरा कर सकते हैं। ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया कि इससे पता चलता है कि भारत दक्षिण एशिया को अपने प्रभाव क्षेत्र के रूप में देखता है। ग्लोबल टाइम्स ने ज्ञान देते हुए कहा कि भारत से पहले चीन जाने के मुइज्जू के फैसले का मतलब यह नहीं है कि वह "चीन समर्थक और भारत विरोधी" है।

चीन-मालदीव संबंधों की तारीफ की

ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा कि 2017 में, दोनों देशों ने एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार में 95 प्रतिशत से अधिक वस्तुओं के टैरिफ को शून्य तक कम करने की मांग की। साथ ही, दोनों पक्षों ने अपने सेवा विभागों को और खोलने की प्रतिबद्धता भी जताई है। उसने आगे लिखा 2010 से, चीन लगातार 10 वर्षों तक मालदीव के लिए पर्यटकों का सबसे बड़ा स्रोत रहा है। 2022 में, द्विपक्षीय व्यापार साल-दर-साल 10.1 प्रतिशत बढ़कर $451 मिलियन हो गया। 

मुइज्जू को चीन के साथ दोस्ती का लाभ दिखाया

चीनी मीडिया ने मालदीव को बताया कि चीन से दोस्ती से मालदीव को क्या लाभ मिलेंगे। माले के मेयर के रूप में अपने कार्यालय के दौरान, मुइज्जू को मालदीव की अर्थव्यवस्था और समाज पर बीआरआई के सकारात्मक प्रभाव की स्पष्ट समझ थी। ऐसे में उन्होंने सक्रिय रूप से बीआरआई में मालदीव की भागीदारी को बढ़ावा दिया। उनकी चीन यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच बड़े पैमाने पर बीआरआई के तहत सहयोग को मजबूत करने की उम्मीद है।

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