
भारत के पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान में एक बार फिर भूकंप का जोरदार झटका महसूस किया गया है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने इस भूकंप के बारे में जानकारी दी है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 दर्ज की गई है। ये भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 08:54 बजे महसूस किया गया। वहीं भूकंप के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप के झटके अफगानिस्तान के साथ-साथ पाकिस्तान के भी कई इलाकों में महसूस किए गए।
कई देशों में आया भूकंप
बता दें कि इससे पहले आज ही सुबह-सुबह तिब्बत, बंगाल की खाड़ी और म्यांमार में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। तिब्बत में 3.8 तीव्रता का भूकंप आया, जबकि बंगाल की खाड़ी में 4.5 की तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। वहीं म्यांमार में 3.9 की तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि खबर लिखे जाने तक इस भूकंप से किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है। गौरतलब है कि भूकंप पृथ्वी की सतह पर होने वाली हलचल या कंपन हैं, जो मुख्य रूप से टेक्टोनिक प्लेटों की गति के कारण होते हैं।
क्यों आते हैं भूकंप?
हाल के दिनों में देश-दुनिया के कई इलाकों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं। इसका सबसे ज्यादा नुकसान आम जनजीवन को उठाना पड़ता है। भूकंप से मकानें गिर जाती हैं, जिसमें दबकर हजारों लोगों की मौत हो जाती है।
भारत में क्या हैं भूकंप के जोन
भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के कुल भूभाग के लगभग 59 फीसदी हिस्से को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। वैज्ञानिकों ने भारत में भूकंप क्षेत्र को जोन-2, जोन-3, जोन-4 व जोन-5 यानी 4 भागों में विभाजित किया है। जोन-5 के इलाकों को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है, जबकि जोन-2 कम संवेदनशील माना जाता है। हमारे देश की राजधानी दिल्ली भूकंप के जोन-4 में आती है। यहां 7 से अधिक तीव्रता के भी भूकंप आ सकते हैं जिससे बड़ी तबाही हो सकती है। भारत में हिमालय क्षेत्र और कुछ अन्य फॉल्ट लाइनों (जैसे कच्छ, पूर्वोत्तर भारत) के कारण भूकंप का खतरा अधिक है, क्योंकि भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है।
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता का अंदाजा
4 से 4.9 तीव्रता के भूकंप में घर में रखा सामान अपनी जगह से नीचे गिर सकता है। 5 से 5.9 तीव्रता के भूकंप में भारी सामान और फर्नीचर भी हिल सकता है। 6 से 6.9 में इमारत का बेस दरक सकता है। 7 से 7.9 में इमारतें गिर जाती हैं। 8 से 8.9 में सुनामी का खतरा होता है और ज्यादा तबाही मचती है। 9 या ज्यादा में सबसे भीषण तबाही होती है।