Tuesday, May 14, 2024
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मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में किसी को नहीं मिला 50 फीसदी मत, दोबारा वोटिंग की संभावना; परिणाम से भारत पर क्या होगा असर

मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को 50 फीसद तक मत नहीं मिल सका है। स्पष्ट बहुमत नहीं होने से दोबारा वोटिंग की संभावनाएं बढ़ी हैं। भारत और चीन की मालदीव के चुनाव परिणामों पर पैनी नजर है। यहां एक गुट भारत समर्थक तो दूसरा चीन समर्थक है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: September 10, 2023 15:02 IST
मालदीव राष्ट्रपति चुनाव का एक दृश्य।- India TV Hindi
Image Source : AP मालदीव राष्ट्रपति चुनाव का एक दृश्य।

मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव में हुई वोटिंग के बाद अब तक किसी भी उम्मीदवार को स्पष्ट मत नहीं मिल सका है। इससे फिर वोटिंग होने की संभावना बढ़ गई है। मालदीव राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों से भारत के साथ संबंधों पर बड़ा असर पड़ने वाला है। दरअसल मालदीव में दो गुट हैं। इनमें से एक भारत का समर्थक है, जबकि दूसरा चीन का। इसलिए भारत और चीन दोनों की निगाहें मालदीव के राष्ट्रपति चुनाव पर हैं। चुनाव परिणाम ही तय करेंगे की मालदीव के साथ किस देश का संबंध कितना मजबूत होगा।

जानकारी के अनुसार मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव में 8 उम्मीदवारों में से किसी को भी स्पष्ट तौर पर जीत के लिए जरूरी 50 प्रतिशत से अधिक वोट नहीं मिलने के बाद दूसरे चरण के चुनाव होने के आसार हैं। स्थानीय मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। राष्ट्रपति पद के लिए आठ उम्मीदवार मैदान में हैं। इसमें मुख्य मुकाबला वर्तमान राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह और उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी मोहम्मद मुइज़ के बीच है। सोलिह को भारत समर्थक माना जाता है। विपक्षी उम्मीदवार मुइज़ को चुनाव में 46 प्रतिशत से अधिक मत मिले हैं, वहीं निवर्तमान राष्ट्रपति सोलिह को 39 फीसदी वोट हासिल हुए हैं।

चुनाव परिणामों से तय होगा भारत और चीन में से किसका दबदबा

यह चुनाव एक तरह से इस बात का जनमत संग्रह भी है कि हिंद महासागर के इस द्वीपीय देश पर भारत या चीन में से किस क्षेत्रीय शक्ति का अधिक प्रभाव होगा। निर्वाचन आयोग रविवार सुबह पारिणामों की आधिकारिक घोषणा कर सकता है। दूसरे चरण के चुनाव अनिवार्य होने जैसे हालात में चुनाव इस माह के अंत तक कराए जाएंगे। सोलिह दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुनाव मैदान में हैं और मुइज के इन आरोपों से जूझ रहे हैं कि उन्होंने भारत को देश में अनियंत्रित मौजूदगी की अनुमति दी है। मुइज़ ने वादा किया है कि अगर वह चुनाव जीत जाते हैं, तो मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों को वापस भेजेंगे और देश के कारोबारी संबंधों को संतुलित करेंगे। उनका कहना है कि वर्तमान में कारोबारी संबंध भारत के पक्ष में हैं। मुइज़ की पार्टी ‘पीपुल्स नेशनल कांग्रेस’ को चीन समर्थक माना जाता है।

भारतीय सैनिकों को हटाना चाहता है चीनी समर्थक गुट

पार्टी नेता एवं पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने 2013 से 2018 तक के अपने कार्यकाल के दौरान मालदीव को चीन की ‘वन बेल्ट वन रोड’ परियोजना का हिस्सा बनाया था। इस परियोजना के तहत पूरे एशिया, अफ्रीका और यूरोप में व्यापार और चीन के प्रभाव का विस्तार करने के लिए बंदरगाहों, रेलवे लाइन तथा सड़कों के निर्माण की परिकल्पना की गई है। मुइज़ की पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी मोहम्मद शरीफ़ ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि भारतीय सैनिकों को हटाना पार्टी की प्राथमिकता है। शरीफ़ ने कहा कि भारतीय सैनिकों की संख्या और उनकी गतिविधियों के बारे में मालदीव के लोगों को जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि ये सैन्यकर्मी देश के कुछ हिस्सों और हवाईअड्डों का विशेष इस्तेमाल करते हैं।

सोलिह को आठ उम्मीदवारों में सबसे आगे माना जा रहा था, क्योंकि उनके सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी यामीन पर देश के उच्चतम न्यायालय ने चुनाव लड़ने से रोक लगा दी थी और वह भ्रष्टाचार तथा धनशोधन के आरोप को लेकर जेल में हैं। राष्ट्रपति चुनाव में 2,82,000 से अधिक लोग मतदान करने के लिए पात्र हैं। किसी भी उम्मीदवार को जीत के लिए 50 प्रतिशत से एक वोट अधिक प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।  (एपी)

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