Wednesday, June 18, 2025
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कूटनीतिक मामलों में भी भारत की नकल कर रहा पाकिस्तान, वैश्विक मंच पर शांति का संदेश देने के लिए भेजेगा डेलीगेशन

पाकिस्तान भी भारत की तर्ज पर अपना डेलीगेशन वैश्विक मंच पर भेजेगा। पाकिस्तान का ये कदम उसकी अपनी छवि सुधारने के लिए है, जिसकी आतंकवाद की वजह से वैश्विक तौर पर आलोचना हुई है।

Written By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Published : May 18, 2025 8:43 IST, Updated : May 18, 2025 8:43 IST
Shehbaz Sharif
Image Source : ANI पाकिस्तानी पीएम

इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के ऐलान के बाद तनाव कम हो चुका है। लेकिन अब पाकिस्तान दुनिया में अपनी छवि को सुधारने की कोशिश कर रहा है। वह कूटनीटिक तौर पर भी भारत की नकल करने की कोशिश कर रहा है। दरअसल भारत सरकार ने तय किया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ भारत के संदेश और ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों समेत प्रमुख साझेदार देशों में 7 सर्वदलीय डेलीगेशन भेजेगी। भारत के इस कदम को देखते हुए पाकिस्तान ने भी तय किया है कि वह भी शांति का संदेश देने के लिए अपना डेलीगेशन वैश्विक मंच पर भेजेगा।

बिलावल भुट्टो जरदारी का सामने आया बयान

पाकिस्तान ने हिचकिचाहट में, अंतरराष्ट्रीय मंच पर 'शांति' के लिए अपना मामला पेश करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल की भी मांग की है। यह तब हुआ जब पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उन्हें दोनों देशों के बीच हाल ही में बढ़े तनाव पर पाकिस्तान का मामला पेश करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का काम सौंपा है। उन्होंने कहा, 'आज सुबह प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुझसे संपर्क किया, जिन्होंने अनुरोध किया कि मैं अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति के लिए पाकिस्तान का मामला पेश करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करूं।'

फेसबुक पर एक पोस्ट में जरदारी ने कहा, 'मैं इस जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए सम्मानित महसूस कर रहा हूं और इन चुनौतीपूर्ण समय में पाकिस्तान की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।' यह घोषणा पाकिस्तान की अपनी कलंकित छवि को सुधारने के लिए बेताब प्रयास को दर्शाती है क्योंकि इसने आतंकवाद की वजह से अंतरराष्ट्रीय आलोचना झेली है। 

भुट्टो जरदारी के प्रतिनिधिमंडल को एक कठिन लड़ाई का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि आतंकवाद को रोकने में पाकिस्तान विफल रहा है और हालही में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया था। 

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया, जिसके परिणामस्वरूप जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। (इनपुट: ANI)

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