Saturday, April 27, 2024
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भारत ने लगाया प्रतिबंध तो कंगाल पाकिस्तान को मिल गया मौका, कमा रहा मोटा मुनाफा

भारत ने घरेलू जरूरतों को प्राथमिकता देते हुए चावल के बिक्री पर रोक लगा रखी है। इस कारण कंगाल पाकिस्तान को अपने चावल बेचने का मौका मिल गया है। वह चावल बेचकर मोटा मुनाफ कमा रहा है। हालांकि खुद उसके देश में चावल की डिमांड बढ़ रही है।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: January 31, 2024 13:11 IST
चावल बेचकर पाकिस्तान कमा रहा मुनाफा- India TV Hindi
Image Source : FILE चावल बेचकर पाकिस्तान कमा रहा मुनाफा

Pakistan Rice Export News: भारत दुनिया में चावल का सबसे ज्यादा निर्यात करने वाला देश है। हालांकि भारत ने पिछले साल अपने देश से चावल बेचने पर प्रतिबंध लगा रखा है। घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए बासमती चावल बेचने पर यह बैन लगा रखा है। इस वजह से पाकिस्तान के चावल की मांग दुनिया में बढ़ने लगी है यानी भारत ने चावल बेचने पर प्रतिबंध लगाया, तो भारत की वजह से कंगाल पाकिस्तान को मौका मिल गया। इस कारण वह चावल बेचकर मुनाफा कमा रहा है। भारत सरकार ने चावल बेचने पर जो प्रतिबंध लगा रखा है, उसका फायदा कंगाल पाकिस्तान को हो रहा है। पाकिस्तान का चावल निर्यात इस साल जून महीने तक रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि चावल विदेशों में भेजने के कारण पाकिस्तान में भी चावल की कीमतें धीरे धीरे बढ़ रही है। चावल की ज्यादा पैदावार के बावजूद यह कीमतें बढ़ रही हैं। पाकिस्तान गैर-बासमती चावल मुख्य रूप से इंडोनेशिया, सेनेगल, माली, आइवरी कोस्ट और केन्या को निर्यात कर रहा है और प्रीमियम बासमती चावल यूरोपीय संघ, कतर और सऊदी अरब को निर्यात करता है।

भारत सरकार के चावल के निर्यात पर बैन का पाकिस्तान को जबरदस्त फायदा हो रहा है। पाकिस्तान का चावल निर्यात इस साल जून तक रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने की संभावना है। भारत के निर्यात पर लगाए अंकुशों की वजह से दुनिया के खरीदारों को इस्लामाबाद से ही चावल की खरीदारी करनी पड़ रही है। पाकिस्तानी चावल की मांग बढ़ने से इस देश को पिछले 16 साल का सबसे ज्यादा दाम प्राप्त हो रहा है।

सबसे बड़ा चावल बेचने वाला देश है भारत

भारत दुनिया के चावल कारोबार की 40 फीसदी हिस्सेदारी अकेला रखता है। भारत के चावल की दुनिया में बड़ी डिमांड है। हालांकि भारत ने पिछले साल अप्रत्याशित कदम उठाते हुए गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। साथ ही परमल चावल के निर्यात पर शुल्क लगा दिया। इसका लाभ कंगाल पाकिस्तान को मिल रहा है। हालांकि भारत ने अपनी घरेलू जरूरतों को प्राथमिकता देने के लिए ही यह प्रतिबंध लगाया है। इस कारण कंगाल पाकिस्तान को घटते विदेशी मुद्रा भंडार में भी राहत मिली है।

50 लाख टन पहुंच सकता है पाकिस्तान का निर्यात

पाकिस्तान के चावल निर्यातकों की एसोसिएशन के चेयरमैन चेला राम केवलानी ने कहा कि 'बीते कुछ महीनों के दौरान हमारे चावल की मांग बढ़ी है। इसका बड़ा कारण भारत का निर्यात पर रोक लगाना है। हमें लगता है कि पाकिस्तान का निर्यात साल 2023-24 में 50 लाख टन तक पहुंच सकता है। यह पिछले साल के 3.7 मिलियन टन से काफी ज्यादा है। उधर, कराची के इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में प्रोफेसर आदिल नखोदा का कहना है कि पाकिस्तान को इस साल चावल निर्यात से 3 अरब डॉलर से अधिक की आय हो सकती है।

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