Tuesday, April 23, 2024
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UK को भारी पड़ा यूक्रेन का समर्थन, ब्रिटिश सैनिकों ने ही कर डाली ये खतरनाक खिलाफत

Britain Bear Brunt of Ukraine's Support: रूस-यूक्रेन युद्ध में राष्ट्रपति जेलेंस्की का समर्थन करना ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को इतना भारी पड़ गया है कि जिसकी उन्होंने सपने में भी कल्पना नहीं की रही होगी। ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बनते ही ऋषि सुनक यूक्रेन का दौरा किया था

Dharmendra Kumar Mishra Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: January 22, 2023 14:04 IST
ब्रिटिश सैनिक (प्रतीकात्मक फोटो)- India TV Hindi
Image Source : FILE ब्रिटिश सैनिक (प्रतीकात्मक फोटो)

Britain Bear Brunt of Ukraine's Support: रूस-यूक्रेन युद्ध में राष्ट्रपति जेलेंस्की का समर्थन करना ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को इतना भारी पड़ गया है कि जिसकी उन्होंने सपने में भी कल्पना नहीं की रही होगी। ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बनते ही ऋषि सुनक यूक्रेन का दौरा किया था और राष्ट्रपति जेलेंस्की को युद्ध में हर तरह की मदद का भरोसा दिया था। इसके बाद उन्होंने सैन्य उपकरणों की बड़ी मदद भेजवाई थी। एक बार फिर टैंक की कमी से जूझ रहे यूक्रेन को ब्रिटेन ने चैलेंजर 2 टैंक भेजने का वादा किया है। मगर इसका बहुत बड़ा खामियाजा ब्रिटेन को भुगतना पड़ गया है। ब्रिटेन के अपने ही सैनिकों ने इसके खिलाफ बड़ी बगावत कर दी है। सैनिकों के इस कदम से प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी हैरान रह गए हैं।

संडे मेल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि युद्ध में यूक्रेन का समर्थन करने के बाद ब्रिटिश के सशस्त्र बलों में भर्ती संख्या में 30 फीसदी की गिरावट आई है। काफी सैनिकों ने कम वेतन और रहने की खराब स्थिति का बहाना करके सेना की नौकरी छोड़ दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वर्ष 16 हजार से अधिक ब्रिटिश सैनिकों ने नौकरी छोड़ दी है। इस वर्ष भी रहने की खराब स्थिति और कम वेतन की शिकायतों के बीच हजारों से अधिक ब्रिटिश सैनिकों ने सेना की नौकरी छोड़ दी है। अभी भी बहुत से सैनिक नौकरी छोड़ रहे हैं। इससे ब्रिटेन की सरकार के सामने बहुत ही असहज और संकटपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है।

16 हजार के बजाए सिर्फ 12 हजार भर्तियां

रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटिश सेना से 16 हजार सैनिकों ने नौकरियां छोड़ी, लेकिन उनकी जगह लेने सिर्फ 12 हजार सैनिक ही आए। ब्रिटेन द्वारा यूक्रेन का समर्थन किए जाने के चलते अब सैनिक ब्रिटिश सेना में भर्ती होने में अधिक रुचि नहीं दिखा रहे। मौजूदा सैनिक भी नौकरियां छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। यह हाल तब है जब हाल के वर्षों में भर्ती अभियानों पर ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने £ 70 मिलियन डॉलर का खर्च किया है। द मेल ने रविवार को खुलासा किया कि इस सर्दी में सैकड़ों ब्रिटिश सैन्य कर्मियों को गर्म पानी भी नहीं मिल रहा है। उनके सैन्य आवास में खराब स्थिति को लेकर भारी आक्रोश है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले आठ महीनों में नमी की शिकायत को लेकर रक्षा मंत्रालय के रखरखाव ठेकेदारों से हजारों बार संपर्क किया गया है। ब्रिटेन के सैनिक वेतन वृद्धि नहीं होने से भी परेशान हैं। रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन में रंगरूटों को £16,500 और निजी लोगों को £21,400 डॉलर का भुगतान किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि'सशस्त्र बलों की भर्ती संख्या रक्षा के लिए अपनी परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।'

 

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