Friday, April 26, 2024
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पीएम शहबाज शरीफ के लिए मुसीबत बनी अमेरिका की रिपोर्ट, पाक चुनाव में अनियमितताओं की बात उजागर

पाकिस्तान में 8 फरवरी को हुए चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से लगाए गए धांधली के आरोपों को अमेरिका ने भी सही माना है। वाशिंगटन की ओर से जारी एक रिपोर्ट में पाकिस्तान चुनाव में अनियमितताओं की बात उजागर की गई है। इससे पाकिस्तान में हलचल मचनी तय है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: March 20, 2024 15:56 IST
शहबाज शरीफ, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री।- India TV Hindi
Image Source : AP शहबाज शरीफ, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री।

वाशिंगटनः पाकिस्तान में 8 फरवरी को हुए चुनाव में पूर्व पीएम इमरान खान की ओर से लगाए गए धांधली के आरोपों पर अमेरिका ने भी अपनी मुहर लगा दी है। इससे पीएम शहबाज शरीफ की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हालांकि पाकिस्तान ने पहले ही अमेरिका या किसी अन्य तीसरे पक्ष को अपने आंतरिक मामलों में दखल नहीं देने की नसीहत दे दी थी। मगर अमेरिकी की इस रिपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की छीछालेदर होनी तय मानी जा रही है। 

बता दें कि अमेरिका ने पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुए आम चुनावों में अनियमितताओं को उजागर करते हुए नकदी संकट से जूझ रहे इस देश के लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने और आतंकवादी खतरों का मुकाबला करने के लिए सहयोग करने की अमेरिकी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू बुधवार को संसदीय समिति के समक्ष बयान दर्ज कराएंगे, जो ‘चुनावों के बाद पाकिस्तान में लोकतंत्र के भविष्य की जांच और अमेरिका-पाकिस्तान संबंध’ विषय पर सुनवाई कर रही है। लू वही राजनयिक हैं, जिनकी अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत असद मजीद को कथित चेतावनी, इस्लामाबाद में दूत द्वारा भेजे गए एक ‘साइफर’ (गुप्त राजनयिक संदेश) का विषय थी। उसी राजनयिक संचार का इस्तेमाल बाद में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने 2022 में उनकी सरकार को हटाने की अमेरिकी साजिश का आरोप लगाने के लिए किया था।

इमरान खान पर चल रहा गोपनीय दस्तावेजों के दुरुपयोग का मुकदमा

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक पर उसी गोपनीय दस्तावेज के दुरुपयोग के आरोप में मुकदमा चल रहा है। मंगलवार को अपलोड की गई लिखित गवाही में, लू ने दोनों देशों से संबंधित कई मुद्दे उठाए और पाकिस्तान में अमेरिकी नीति के बारे में आगे की रूपरेखा रखी। उन्होंने उल्लेख किया कि विदेश विभाग ने पिछले महीने पाकिस्तान में आम चुनाव के एक दिन बाद एक स्पष्ट बयान जारी किया था, जिसमें अभिव्यक्ति, संघ और शांतिपूर्ण सभा की स्वतंत्रता पर अनुचित प्रतिबंधों को रेखांकित किया गया था।

उन्होंने कहा कि विदेश विभाग ने चुनावी हिंसा और मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों के साथ-साथ मीडिया कर्मियों पर हमलों और इंटरनेट और दूरसंचार सेवाओं तक पहुंच पर प्रतिबंधों की निंदा की। उन्होंने कहा, “हम विशेष रूप से चुनाव से पहले के हफ्तों में हुई चुनावी दुर्व्यवहार और हिंसा की घटनाओं के बारे में चिंतित थे। (भाषा) 

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