न्यूयॉर्क: अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपनी पत्नी उषा को हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म से जुड़ने का अनुरोध करके खुद अपने ही बुने जाल में फंसते नजर आ रहे हैं। वेंस के बयान की अमेरिका से लेकर भारत तक में तीखी आलोचना हो रही है। इस बीच अमेरिका के एक प्रमुख हिंदू संगठन ने उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से “हिंदू धर्म से भी जुड़ने” का आग्रह करके नहले पर दहला मार दिया है। हिंदू संगठनों की ओर से यह अपील उस वक्त की गई जब वेंस ने हाल ही में हिंदू परिवार में परवरिश पाने वाली अपनी पत्नी उषा को अपने धर्म (ईसाई धर्म) से जुड़ने के लिए प्रेरित किया था।
वेंस के बयान पर मचा है बवाल
वेंस ने यह टिप्पणी मिसिसिपी विश्वविद्यालय में आयोजित ‘टर्निंग प्वाइंट यूएसए’ (TPUSA) कार्यक्रम के दौरान अपने अंतरधार्मिक विवाह पर पूछे गए सवालों के जवाब में की थी। एक दक्षिण एशियाई महिला ने उनसे उनके धर्म और पत्नी के साथ उनके धार्मिक मतभेदों के बारे में प्रश्न किया था। जवाब में वेंस ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि उषा भी “कुछ हद तक उसी चीज से प्रभावित हैं, जिसने उन्हें चर्च से जोड़ा है।” इस बयान के बाद वेंस को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को सफाई देते हुए उन्होंने कहा, “मेरी पत्नी मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा आशीर्वाद हैं। उन्होंने ही मुझे अपने धर्म के साथ फिर से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया था।”
हिंदू संगठनों ने दी प्रतिक्रिया
पत्नी उषा को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने वाले वेंस की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (HAF)’ ने एक बयान जारी कर उपराष्ट्रपति से आग्रह किया कि वे “हिंदू धर्म से भी जुड़ें।” संगठन ने कहा, “अगर आपकी पत्नी ने आपको आपके धर्म से फिर से जुड़ने के लिए प्रेरित किया, तो क्यों न आप भी सकारात्मक कदम उठाते हुए हिंदू धर्म से जुड़ें?” एचएएफ ने आगे कहा कि हिंदू धर्म में जीवनसाथी पर अपने धर्म को अपनाने का दबाव डालने की परंपरा नहीं है। “हिंदू यह नहीं चाहते कि उनका जीवनसाथी हर बात को धार्मिक दृष्टि से उसी तरह देखे जैसा वे देखते हैं।
हिंदुओं ने वेंस को दी ये सलाह
एचएएफ ने कहाकि एक सार्वजनिक पद पर आसीन व्यक्ति के रूप में वेंस को चाहिए कि वह हिंदुओं को उनके धर्म के पालन के अधिकार को मान्यता दें। बयान में कहा गया, “आप उपराष्ट्रपति हैं। एक प्रमुख ईसाई सार्वजनिक व्यक्ति के तौर पर हिंदू धर्म के सकारात्मक प्रभाव को स्वीकार करना और हिंदुओं के अपने धर्म का पालन करने के अधिकार को मान्यता देना उपयुक्त होगा।” संगठन ने यह भी आलोचना की कि वेंस के कुछ समर्थक धार्मिक स्वतंत्रता के सिद्धांत को सीमित रूप में देखते हैं। “आपके समर्थकों में कुछ सबसे मुखर आवाजें वास्तव में यह नहीं मानतीं कि धार्मिक स्वतंत्रता अमेरिका की स्थापना के मूल सिद्धांतों में से एक है। एचएएफ ने कहा-यह हिंदुओं तक भी विस्तृत होती है।
वेंस ने क्या बयान दिया था
टीपीयूएसए कार्यक्रम में वेंस ने कहा था कि उषा अधिकांश रविवारों को उनके साथ चर्च जाती हैं। उन्होंने वहां कहा था, “मुझे लगता है कि अंततः वह भी उसी चीज से प्रभावित हैं, जिसने मुझे चर्च से जोड़ा था और मैं सच्चे दिल से यही चाहता हूं, क्योंकि मैं ईसाई गोस्पेल में विश्वास करता हूं... लेकिन अगर वह ऐसा नहीं करती हैं, तो यह भी ठीक है, क्योंकि ईश्वर ने हर व्यक्ति को स्वतंत्र इच्छाशक्ति दी है।”
वेंस को बयान पर देनी पड़ी सफाई
वेंस के उक्त बयान की जब सोशल मीडिया और हिंदू संगठनों ने तीखी आलोचना की तो उन्हें आगे आकर इस पर सफाई पेश करनी पड़ी। शुक्रवार को उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पत्नी का धर्म परिवर्तन करने का कोई इरादा नहीं है। वेंस ने कहा, “वह ईसाई नहीं हैं और उनका धर्म परिवर्तन करने की कोई योजना नहीं है, लेकिन किसी भी अंतरधार्मिक विवाह की तरह, मुझे उम्मीद है कि एक दिन वह चीजों को मेरी दृष्टि से भी देख पाएंगी। इसके बावजूद, मैं उनसे प्यार करता रहूंगा और हम आस्था, जीवन और बाकी सभी विषयों पर बातचीत करते रहेंगे-क्योंकि वह मेरी पत्नी हैं।” (एपी)