बिहार में महिला रोजगार योजना को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। सीएम नीतीश कुमार का कहना है कि राज्य की महिलाओं को किसी भी अफवाह से डरने की जरूरत नहीं है। किसी भी महिला को रोजगार योजना का एक पैसा नहीं लौटाना होगा। वहीं, आरजेडी का कहना है कि मतदान के दूसरे चरण से सात दिन पहले तक महिलाओं के खाते में पैसे भेजे जा रहे हैं। चुनाव आयोग को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। आरजेडी का कहना है कि यह आचार संहिता का उल्लंघन है।
बिहार में 1.50 करोड़ महिलाओं को 10 हजार रुपये मिल चुके हैं। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत दिए गए पैसों को वापस लेने का कोई प्रावधान नहीं है। कुछ लोग पैसे वापस लेने की अफवाह उड़ा रहे हैं। ये लोन नहीं था। महिलाओं को मदद दी गई थी।
29 अगस्त को हुई शुरुआत
बिहार में 29 अगस्त, 2025 से मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत हुई। इस योजना का उद्देश्य राज्य के सभी परिवारों की एक महिला को अपनी पसंद का रोजगार शुरू करने हेतु वित्तीय सहायता देकर आत्मनिर्भर बनाना है और परिवार की आय में वृद्धि करना है। इस योजना के तहत महिलाओं के उत्पादों की बिक्री हेतु गांव से लेकर शहर तक हाट-बाजार भी विकसित किये जायेंगे। पहले चरण में सभी पात्र महिलाओं को बैंक खाते में सीधे डीबीटी के माध्यम से 10,000 रुपये की राशि दी जा रही है। जिन महिलाओं के द्वारा अपने रोजगार की शुरुआत की जाएगी, उनके उद्यम को बढ़ाने के लिए आकलन कर 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी प्रदान की जायेगी।
योजना की अहम बातें
- इस योजना के तहत मिलने वाली राशि को किसी भी स्तर पर कभी भी वापस नहीं करना है। यह राशि पूर्ण रूप से राज्य सरकार की ओर से अनुदानित है। यह कोई ऋण नहीं है। सरकार के स्तर से निर्गत किसी भी संकल्प/दिशा-निर्देश में इस योजना के तहत दी जाने वाली राशि को वापस किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है।
- मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के अंतर्गत आवेदन की कोई अंतिम तिथि निर्धारित नहीं है। पात्र महिलाएं कभी भी इस योजना का लाभ ले सकती हैं। जब तक सभी पात्र महिलाएं आच्छादित नहीं होती हैं तबतक योजना जारी रहेगी।
- अब तक लगभग 1 करोड़ 50 लाख महिलाओं के खाते में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की 10 हजार रुपये की राशि अंतरित की जा चुकी है। शेष महिलाओं को दिसंबर 2025 तक राशि अंतरित करने का कैलेंडर पूर्व में ही जारी कर दिया गया है। इस दौरान यदि कोई पात्र महिला छूट जाती हैं तो वह आगे भी आवेदन दे सकती हैं।
- इस योजना के तहत सभी महिलाएं अपनी पसंद का रोजगार शुरू कर सकती हैं। वे किराना दुकान, फल-सब्जी की दुकान, बर्तन व सौंदर्य प्रसाधन की दुकान, खिलौना या स्टेशनरी की दुकान खोल सकती हैं। साथ ही ब्यूटी पार्लर, सिलाई-कढ़ाई, मोबाइल रिचार्ज और फोटोकॉपी सेंटर, कृषि, गौपालन और मुर्गीपालन जैसा व्यवसाय भी कर सकती हैं।
- इस योजना का लाभ राज्य के प्रत्येक परिवार की एक महिला ले सकती है। जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़े सभी सदस्य (एक परिवार से एक महिला) इस योजना का लाभ लेने हेतु पात्र हैं। जो महिलाएं पूर्व से जीविका स्वयं सहायता समूह से नहीं जुड़ी हैं, उन्हें स्वयं सहायता समूह से जोड़कर इस योजना का लाभ दिया जायेगा। इस योजना के अंतर्गत परिवार का आशय पति-पत्नी और उनके अविवाहित बच्चों से है। अविवाहित महिला जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं, उन्हें भी एक परिवार माना जाएगा।
- आवेदिका की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदिका स्वयं या उनके पति आयकर दाता की श्रेणी में ना हों। आवेदिका स्वयं या उनके पति सरकारी सेवा (नियमित/संविदा) में ना हों। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं पूर्व से जीविका स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी हैं, वे अपने ग्राम संगठन (VO) की विशेष बैठक में आवेदन कर सकती हैं। जो महिलाएं पूर्व से जीविका स्वयं सहायता समूह से नहीं जुड़ी हैं, उनके द्वारा सर्वप्रथम स्वयं सहायता समूह से जुड़ने हेतु निर्धारित प्रपत्र में आवेदन ग्राम संगठन में जमा करना होगा। उसके उपरान्त उन्हें स्वयं सहायता समूह से जोड़कर इस योजना का लाभ दिया जा सकता है।
- शहरी क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं अपने क्षेत्र स्तरीय संगठन या नगर निकाय की विशेष बैठक में आवेदन कर सकती हैं। शहरी क्षेत्र की जो महिलाएं स्वयं सहायता समूह से नहीं जुड़ी हैं, वे www.brips.in पर उपलब्ध वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। जिन्होंने शहरी क्षेत्र में ऑनलाइन आवेदन किया है, उन शत प्रतिशत मामलों में जांच कर स्वयं सहायता समूह से जोड़कर ग्रामीण विकास विभाग द्वारा राशि अंतरण हेतु निर्धारित तिथि को राशि अन्तरित की जाएगी। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के अंतर्गत महिला लाभुकों को अपने चयनित रोजगार के क्षेत्र में निःशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।
- मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत किसी प्रकार का प्रलोभन, आवेदन या लाभ दिलाने के लिए किसी तरह की राशि मांगे जाने पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं जीविका के प्रखंड/जिला कार्यालय, प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO), उप विकास आयुक्त (DDC) या जिला पदाधिकारी (DM) को शिकायत कर सकती हैं। साथ ही शहरी क्षेत्र की महिलाएँ संबंधित नगर निकाय कार्यालय में शिकायत दर्ज कर सकती हैं।
आरजेडी ने आचार संहिता उल्लंघन के आरोप लगाए
आरजेडी का कहना है कि बिहार में आचार संहिता के बीच दस लाख महिलाओं के खाते में दस हजार की मुख्यमंत्री रोजगार योजना की राशि भेजी गई। राजद ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है। पर चुनाव आयोग द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं करना उसके निष्पक्ष चुनाव कराने के दावे पर सवाल खड़ा करती है। आरजेडी की तरफ से कहा गया है कि 6 अक्टूबर को बिहार में आचार संहिता लगी। इसके बाद 17 अक्टूबर, 24 अक्टूबर और 31 अक्टूबर को महिलाओं को 10-10 हजार रुपये दिए गए। अब 7 नवंबर को अगली राशि मिलने वाली है। दूसरे फेज के चुनाव से 4 दिन पहले तक पैसे देने की योजना है। राजद के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।
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