रोहतास: बिहार के रोहतास जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने का सपना उस वक्त चकनाचूर हो गया, जब ट्रायल के दौरान ही निर्माणाधीन रोपवे का पिलर और ट्रॉली अचानक से धराशायी हो गए। लगभग 13 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस रोपवे के टूटने से ना केवल पर्यटन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि नए साल में यहां घूमने की योजना बना रहे पर्यटकों की उम्मीदों पर भी पानी फिर गया है।
दुर्गम रास्ते को सुगम बनाने की थी योजना
जिले के रोहतास प्रखंड मुख्यालय से ऐतिहासिक चौरासन मंदिर तक के दुर्गम रास्ते को सुगम बनाने के लिए इस रोपवे का निर्माण किया जा रहा था। निर्माण कार्य पूरा होने पर ट्रायल के बाद नए साल में पर्यटकों के लिए इसे खोलने की योजना थी, लेकिन शुक्रवार को अचानक रोपवे का पिलर भार सहन नहीं कर सका और ट्रॉली समेत नीचे गिर गया। गनीमत रही कि ट्रायल के दौरान ट्रॉली में कोई व्यक्ति सवार नहीं था, अन्यथा जनहानि भी हो सकती थी।
सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल
दरअसल, लगभग 60 किलोमीटर के दुर्गम रास्ते को चंद मिनटों में तय कराने वाली इस महत्वाकांक्षी योजना का इस तरह विफल होना भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग का प्रमाण है। स्थानीय लोग अब इसकी गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर सवाल उठाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
टूरिज्म पर लगा ग्रहण!
बता दें कि ऐतिहासिक रोहतासगढ़ किला और चौरासन मंदिर के दर्शन के लिए हर साल हजारों श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं। रोपवे के शुरू होने से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलता, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलती। लेकिन इस हादसे के बाद रोपवे का काम फिर अधर में लटक गया है और पर्यटकों को अब लंबा इंतजार करना होगा।
स्थानीय विधायक ने जताई चिंता
वहीं, LJPRV के स्थानीय विधायक मुरारी प्रसाद गौतम ने हादसे की निंदा करते हुए निर्माण कार्य में चूक की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि लापरवाही से पिलर के निर्माण में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया, जिसके कारण यह हादसा हुआ। उन्होंने जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है।
(इनपुट- राजन सिंह)
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