Friday, April 26, 2024
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17 वर्ष की किशोरी ने सहमति से बनाया शारीरिक संबंध, कोर्ट ने ये कह युवक को दे दी जमानत

Youth Got Bail From court in Pocso Act:पाक्सो एक्ट के एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने किशोरी पर बड़ी टिप्पणी करते हुए आरोपी को जमानत दे दी है। मामले में 17 वर्षीय किशोरी के परिवारजनों की ओर से युवक पर पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके बाद युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

Dharmendra Kumar Mishra Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: November 14, 2022 13:29 IST
दिल्ली हाईकोर्ट (फाइल फोटो)- India TV Hindi
Image Source : IMAGE/FILE-PTI दिल्ली हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

Youth Got Bail From court in Pocso Act:पाक्सो एक्ट के एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने किशोरी पर बड़ी टिप्पणी करते हुए आरोपी को जमानत दे दी है। मामले में 17 वर्षीय किशोरी के परिवारजनों की ओर से युवक पर पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके बाद युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। मगर जब मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो जज ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद युवक को जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा कि किशोरी के बयान से साफ है कि उसने सहमति से शारीरिक संबंध बनाए थे। ऐसे में सहमति से बने संबंधों को अपराध बनाना पाक्सो एक्ट का उद्देश्य नहीं है।

जज ने यह भी टिप्पणी किया कि पाक्सो एक्ट का उद्देश्य बच्चों को यौन शोषण से बचाना है न कि युवा वयस्कों के बीच सहमति से बने संबंध को अपराध बनाना। कोर्ट ने पड़ताल में पाया कि किशोरी ने स्वेच्छा से युवक से शादी कर ली थी और शारीरिक संबंध बनाए थे। मगर किशोरी के पिता ने किसी अन्य युवक से वर्ष 2021 में उसका विवाह कर दिया था। जबकि वह किशोरी दूसरे युवक के साथ नहीं रहना चाहती थी। इसलिए जिस युवक से उसकी शादी हुई थी, उसे कुछ माह बाद छोड़कर वह अपने प्रेमी के साथ चली गई। फिर वहां से दोनों ने पंजाब जाकर शादी कर ली।

किशोरी के पिता ने युवक पर दर्ज कराया था पाक्सो एक्ट का मुकदमा

किशोरी के चली जाने पर उसके पिता ने युवक पर पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। साथ ही अपहरण का आरोप भी लगाया था। यौनशोषण और अपहरण का मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। आरोपी ने इसके लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई थी। जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ ने दोनों पक्षों का तर्क सुनने के बाद कहा कि किशोरी के बयान से साफ है कि वह स्वेच्छा से युवक के साथ गई थी। किशोरी और युवक के बीच स्वेच्छा और सहमति से शारीरिक संबंध बने। युवक ने किसी तरह से किशोरी पर दबाव नहीं डाला और न ही उसे इसके लिए मजबूर किया गया। इसलिए युवक को जमानत दे दी।

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