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दिल्ली की सीएम बनीं रेखा गुप्ता, नई सरकार के सामने क्या हैं चुनौतियां? जानें

दिल्ली की सत्ता में 26 साल बाद निर्णायक जनादेश के साथ वापसी करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published : Feb 20, 2025 02:57 pm IST, Updated : Feb 20, 2025 03:12 pm IST
Delhi new govt- India TV Hindi
Image Source : PTI शपथ ग्रहण समारोह के बाद पीएम मोदी के साथ रेखा गुप्ता, उप राज्यपाल और अन्य मंत्री

नई दिल्ली:  दिल्ली करीब 27 साल के बाद एक निर्णायक जनादेश के साथ बीजेपी की वापसी हुई है। रेखा गुप्ता की अगुवाई में नई सरकार ने शपथ ले ली है। इस नई बीजेपी सरकार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा जिनमें अपने प्रमुख चुनावी वादों को पूरा करना, पिछली सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखना, शहर के प्रदूषण और बुनियादी ढांचे की समस्याओं को ठीक करना और यमुना की सफाई शामिल है। भाजपा सरकार को राष्ट्रीय राजधानी की वित्तीय सेहत पर नजर रखते हुए ये सारे काम करने होंगे। अपने गठन के बाद से पहली बार सत्ता से बाहर हुई आम आदमी पार्टी अब विपक्ष में होगी, और भाजपा पर दबाव बनाएगी। 

महिलाओं को 2,500 रुपये मासिक मानदेय 

भाजपा की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की शीर्ष प्राथमिकताओं में दिल्ली की महिलाओं को 2,500 रुपये मासिक मानदेय प्रदान करने के अपने वादे को पूरा करना होगा। यह पार्टी के घोषणापत्र में एक प्रमुख प्रतिबद्धता थी और इसे आप के 2,100 रुपये के वादे से आगे निकलने के लिए तैयार किया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक फरवरी को द्वारका में एक रैली को संबोधित करते हुए आश्वासन दिया था कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो पहली कैबिनेट बैठक में राशि हस्तांतरित करने का निर्णय लिया जाएगा। आप ने मानदेय का भुगतान करने की भाजपा की प्रतिबद्धता पर संदेह जताया है। पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने इस शुक्रवार को कहा कि वह नई सरकार को जवाबदेह ठहराएंगी। 

200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी योजना चालू रखना

भाजपा के लिए एक और बड़ी चुनौती आप सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखना होगा, जिसमें 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी का कनेक्शन और महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा आदि शामिल हैं। जबकि भाजपा ने मतदाताओं को आश्वासन दिया है कि ये लाभ बंद नहीं किए जाएंगे, आप नेताओं ने पार्टी की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता पर सवाल उठाए हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मतदाताओं को भरोसा दिलाया था कि मुफ्त योजनाएं जारी रहेंगी लेकिन ऐसे कार्यक्रमों में ‘भ्रष्टाचार’ को खत्म किया जाएगा।

आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करना

भाजपा को दिल्ली में अपने प्रमुख कार्यक्रमों को भी लागू करना है। भाजपा ने दिल्ली में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने का वादा किया था और यह चुनावी मुद्दा बन गया था। इस योजना के तहत प्रति लाभार्थी का पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज किया जाता है, साथ ही पांच लाख रुपये का अतिरिक्त खर्च राज्य सरकार वहन करती है। आप सरकार ने पहले इसे लागू करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि दिल्ली की मौजूदा स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बेहतर और अधिक समावेशी है। भाजपा ने दिल्ली के सभी ‘मोहल्ला क्लीनिक’ में सुधार करने का भी संकल्प लिया है और इनके कामकाज में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। राजौरी गार्डन से भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि ‘मोहल्ला क्लीनिक’ को ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ के रूप में पुनः पेश किया जाएगा और इनमें बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी। 

भ्रष्टाचार को लेकर आप पर लगातार हमलावर रही भाजपा का आरोप है कि वह वित्तीय अनियमितताओं को छिपाने के लिए जानबूझकर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने से बचने की कोशिश कर रही है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि सभी लंबित सीएजी रिपोर्ट विधानसभा में पेश की जाएंगी और सभी भ्रष्टाचार के आरोपों की गहन जांच की जाएगी। आप के खिलाफ भ्रष्टाचार के दो मुख्य आरोप ‘शीश महल’ विवाद और शराब नीति मामले के थे। 

यमुना की सफाई

भाजपा के अभियान के दौरान यमुना की सफाई एक बड़ा मुद्दा था। भाजपा ने एक दशक लंबे शासन में नदी की सफाई में विफल रहने के लिए आप को घेरा, जबकि केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार नदी को ‘जहरीले अमोनिया’ से प्रदूषित कर रही है। दिल्ली में पांच फरवरी को हुए चुनाव में जीत के बाद भाजपा के विजय उत्सव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने नदी की सफाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। प्रशासन ने दिल्ली में यमुना के 57 किलोमीटर लंबे हिस्से में सफाई अभियान के लिए कचरा निकालने वाली मशीनें, खरपतवार निकालने वाली मशीनें और ड्रेजर तैनात करना शुरू कर दिया है। 

खराब सड़कें, प्रदूषण

इसके अलावा, भाजपा सरकार पर दिल्ली की खराब होती सड़कों और सीवेज व्यवस्था को सुधारने का दबाव होगा। खराब बुनियादी ढांचा मतदाताओं की एक बड़ी चिंता थी और इन मुद्दों का समाधान करना सरकार की विश्वसनीयता के लिए महत्वपूर्ण होगा। प्रदूषण दिल्ली के लिए सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है, क्योंकि यह वैश्विक स्तर पर सबसे प्रदूषित राजधानियों में से एक है। भाजपा सरकार पर इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति को अद्यतन करने सहित एक प्रभावी प्रदूषण नियंत्रण रणनीति को लागू करने का दबाव होगा, जिसे आप 2020 में लागू होने के बाद संशोधित करने में विफल रही। (इनपुट-भाषा)

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