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NCERT पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना हटाने का प्रस्ताव? धर्मेन्द्र प्रधान ने बताया सच

NCERT ने कक्षा 3 और 6 के बच्चों की किताबों से संविधान की प्रस्तावना को हटा दिया है। साथ ही NCERT ने ऐसे करने की अपनी वजह भी बताई है।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Aug 06, 2024 8:28 IST, Updated : Aug 06, 2024 15:34 IST
NCERT- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO NCERT ने कक्षा 3,6 की किताबों से हटाई प्रस्तावना

नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने बच्चों की किताब से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया है। NCERT ने कक्षा 3 और कक्षा 6 के इस साल की किताबों से संविधान की प्रस्तावना के साथ मौलिक कर्तव्यों, मौलिक अधिकारों और राष्ट्रगान को जोड़ दिया है। पहले खबर आई थी कि प्रस्तावना को कुछ "मेन एकेडमिक सब्जेक्ट" से भी हटा दिया गया है, जिसमें लैंग्वेज और इंवायरमेंटल स्टडीज (EVS) शामिल हैं।

बताया कारण

NCERT ने इसका कारण एनएपी 2020 के कारण हो रहे बदलावों को बताया है। एनसीईआरटी ने 2005-06 और 2007-08 के बीच सभी कक्षाओं के लिए किताबें पब्लिश की थीं, जिसे अब नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 की शुरुआत के बाद संशोधित किया गया है। कक्षा 3 और 6 के लिए नई किताबें नए नेशनल करिर्कुलम फ्रेमवर्क को ध्यान में रखते हुए जारी की गई हैं।

एनसीईआरटी की किताबों से प्रस्तावना को हटाने के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए एनसीईआरटी ने कहा, "पहली बार वे संविधान के विभिन्न पहलुओं- प्रस्तावना, मौलिक कर्तव्यों, मौलिक अधिकारों और राष्ट्रगान को काफी महत्व दे रहे हैं। ऐसे में संविधान के सभी पहलुओं को विभिन्न चरणों की विभिन्न किताबों में छापा जा रहा है।"

कक्षा 3 की नई किताबों में भी प्रस्तावना नहीं

हिंदी, अंग्रेजी, गणित और हमारे चारों ओर की दुनिया (जो ईवीएस की जगह लेती है) की कक्षा 3 की नई किताबों में से किसी में भी प्रस्तावना नहीं छपी है। जबकि पुरानी ईवीएस किताब, लुकिंग अराउंड, और हिंदी, रिमझिम 3 में प्रस्तावना थी। कक्षा 6 की पुरानी किताबों में, प्रस्तावना हिंदी की किताब दुर्वा, अंग्रेजी की किताब हनी सकल, साइंस की किताब और तीनों ईवीएस पुस्तकों - हमारे अतीत- I, सामाजिक और राजनीतिक जीवन- I और पृथ्वी हमारा निवास के पहले कुछ पृष्ठों में से एक पर छपी थी।

नई जारी की गई किताबों में, प्रस्तावना केवल साइंस की किताब "क्यूरियोसिटी" और हिंदी की किताब "मल्हार" में दिखाई देती है। तीन अलग-अलग इंवायरमेंटल स्टडीज के बजाय, एनसीईआरटी ने "समाज की खोज: भारत और उससे आगे" नामक एक किताब पब्लिश की है।

प्रस्तावना तक सीमित नहीं होने चाहिए छात्रों की जानकारी

एनसीईआरटी के अनुसार, छात्रों को अपनी जानकारी को केवल प्रस्तावना तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि मौलिक कर्तव्यों, मौलिक अधिकारों और राष्ट्रगान से भी संवैधानिक मूल्यों को जानना चाहिए। एनसीईआरटी ने कहा, "यह समझ कि केवल प्रस्तावना ही संविधान और संवैधानिक मूल्यों को दर्शाती है, जो त्रुटिपूर्ण और संकीर्ण है। बच्चों को प्रस्तावना के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों, मौलिक अधिकारों और राष्ट्रगान से संवैधानिक मूल्य क्यों नहीं प्राप्त करने चाहिए? हम एनईपी-2020 के दृष्टिकोण का पालन करते हुए बच्चों के समग्र विकास के लिए इन सभी को समान महत्व देते हैं।"

अब धर्मेंद्र प्रधान ने भी अपना बयान जारी किया है। प्रधान ने कहा कि NCERT पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना को हटाने के आरोपों का कोई आधार नहीं है। 

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