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In Depth: आर्यन खान ड्रग्स केस में आज कोर्ट में क्या-क्या हुआ, यहां पढ़िए

मुंबई के सेशंस कोर्ट में ड्रग्स केस में मद्देनजर आर्यन खान जमानत याचिका पर दोनों पक्षों के बीच बहस हुई। आर्यन खान के नए वकील अमित देसाई ने कोर्ट के सामने अपनी दलीले पेश की।

Written by: India TV Entertainment Desk
Published : Oct 13, 2021 05:51 pm IST, Updated : Oct 13, 2021 05:51 pm IST
Aryan Khan- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM/ARYAN KHAN In Depth: आर्यन खान ड्रग्स केस में आज कोर्ट में क्या-क्या हुआ, यहां पढ़िए

मुंबई की सेशंस कोर्ट में आज दिनभर मुंबई ड्रग्स केस में मद्देनजर आर्यन खान की जमानत याचिका पर दोनों पक्षों के बीच बहस हुई। आर्यन खान के नए वकील अमित देसाई ने कोर्ट के सामने अपनी दलीले पेश की। आर्यन के वकील अमित देसाई ने दावा किया कि उनके मुवक्किल के पास से कोई बरामदगी नहीं हुई, जिसे एनसीबी ने भी माना है लेकिन एनसीबी का दावा है कि आर्यन खान ने ड्रग्स लेने की बात कबूली है। 

चूंकि, कोर्ट की सुनवाई कल तक के लिए टल गई है इसलिए कल दोपहर 12 बजे दोनों पक्ष फिर आमने सामने होंगे।

जानिए आज कोर्ट में दोनों पक्षों ने क्या क्या दलीलें दी

आर्यन के वकील ने दलील दी कि कोर्ट जानता है कि इस तरह के बयान कैसे लिए जाते हैं? आर्यन के वकील ने ये भी दलील दी कि आर्यन के पास से ड्रग्स बरामद ही नहीं हुई लेकिन उसे सबसे पहले गिरफ्तार किया और जिसके पास से ड्रग्स बरामद हुई उसे अगले दिन गिरफ्तार किया। देसाई ने ये भी दलील दी कि जब क्रूज पर आर्यन के पास पैसे ही नहीं थे तो ड्रग्स कैसे खरीदता?

आर्यन खान की जमानत याचिका पर सेशंस कोर्ट में सुनवाई में NCB ने कहा, आर्यन का मामला इंटरनेशनल ड्रग्स ट्रैफिकिंग केस से जुड़ा हुआ है। आर्यन के वकील ने कहा, शाहरुख खान का बेटा साजिश में शामिल नहीं था। 

बता दें इस केस में अब तक वकील सतीश मानशिंदे आर्यन खान की तरफ से केस की पैरवी कर रहे थे। जबकि आज अमित देसाई ने कोर्ट के सामने बचाव पक्ष की तरफ से अपनी दलीलें पेश की। अमित देसाई वहीं वकील हैं जो हिट एंड रन केस में सलमान खान की तरफ पैरवी कर चुके हैं।  

सिलसिलेवार तरीके से जानिए दोनों पक्षों की दलील

एनसीबी की दलील

पहली दलील - एनसीबी का कहना है कि आरोपी कनेक्टेड परिवार से है और जेल से बाहर जाने के बाद जांच को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा एनसीबी को अभी इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करनी है तो आगे आरोपियों की कस्टडी भी लेनी पड़ सकती है।

दूसरी दलील - मुनमुन की जमानत याचिका पर एनसीबी ने जवाब देते हुए कहा, "स्माल अमाउंट की बरामदगी नहीं होने पर भी आरोपी साजिश में शामिल हैं। आर्यन खान पर प्रतिबंधित पदार्थ की खरीद के लिए इस्तेमाल होने का आरोप लगाया गया था। विदेशों में लेनदेन से संबंधित मामले की जांच की जानी चाहिए और एनसीबी जांच कर रही है।"

तीसरी दलील - एनसीबी के जवाब में आर्यन के बारे मे भी जिक्र है। आर्यन पर आरोप है कि वो अरबाज़ और उसके सोर्सेज से ड्रग्स लेते थे। आर्यन को आरोपी नंबर 1 बताया गया है। एनसीबी ने जवाब में बताया है कि आरोपी नंबर 1 विदेशों में कुछ ऐसे व्यक्तियों के संपर्क में था जो ड्रग्स की अवैध खरीद के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क का हिस्सा प्रतीत होते हैं। इस संबंध में जांच जारी है।

चौथी दलील - जांज एजेंसी के मुताबिक आर्यन और अरबाज ने साथ सफर किया इससे यह स्पष्ट है कि, वो दोनो कॉमन इंटेशन के तहत क्रूज पर गए थे। भले ही कुछ आरोपियों के पास से ड्रग्स बरामद ना हुआ हो या बहुत कम ड्रग्स मिला हो लेकिन अपराध की साजिश में इन आरोपियों की भागदारी जांच का आधार बनाती है।

पांचवी दलील - एनसीबी ने दावा किया कि आरोपी नंबर 17 अचित कुमार और आरोपी नंबर 19 शिवराज हरिजन ही आर्यन और अरबाज को ड्रग्स मुहैय्या कराते थे। आर्यन और अरबाज एक दूसरे के साथ घूमते थे और ये NDPS की धारा 29 को लागू करने के लिए ये पर्याप्त है।

छठी दलील - आरोपी आर्यन खान के रोल के बारे में एनसीबी ने बताया है कि अरबाज से आर्यन खान ने ड्रग्स खरीदारी की थी। जांच के दौरान अब तक जो सबूत हाथ लगे हैं उसके मुताबिक, आर्यन ड्रग्स की खरीदारी और वितरण में लिप्त था।

सातवीं दलील - एएसजी अनिल सिंह ने अपनी दलील में अदालत से कहा, "आप (जज) व्हैट्सएप चैट देखिए। चैट का वो पोर्शन जहां विदेशी नागरिक से बातचित है, आर्यन और विदेशी पेडलर्स की बातचित है। जिसमें लार्ज क्वांटीटी हार्ड ड्रग्स के बारे में बात हो रही है और पैसे के लेनदेन की बात हो रही है। तब यह सिर्फ कंजमशन के लिए नहीं हो सकता है, इसकी जांच होना बहुत जरुरी है।"

आर्यन खान के वकीलों की दलील

पहली दलील - आर्य़न खान से इतने दिनों में केवल एक बार पूछताछ की गई। अगर एनसीबी आर्यन खान को इतना बड़ा आरोपी मानती है तो उससे केवल एक बार ही क्यों पूछताछ की गई। वो भी केवल उनके विदेशी प्रवास के मामले में। क्या एनसीबी के पास पूछताछ के लिए कुछ पुख्ता सबूत नहीं थे। अगर नहीं तो मामला कैसे बनता है। 

दूसरी दलील - जज साहब आप जब सभी की दलीले सुनेंगे तब ये बात जरूर याद रखिएगा कि आज तक आर्यन के खिलाफ 27A नहीं लगाया गया है मतलब ये अवैध ड्रग्स ट्रैफिकिंग नहीं है। खुद एनसीबी सिर्फ यही कह रही है कि वो अन्य आरोपियों से जुड़ा है।

तीसरी दलील - जब आर्यन को हिरासत में लिया गया तब उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया था। जिस दिन उसे गिरफ्तार किया गया तब उसे 27A में गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया क्योंकि, 27 A अवैध ड्रग्स ट्रैफिकिंग के तहत आता है। गौर करने  वाली बात ये है कि एजेंसी ने आज तक ये सेक्शन नहीं लगाया है। 

चौथी दलील - अवैध ड्रग्स ट्रैफिकिंग में ड्रग्स की सेल, परचेज, ट्रांसपोर्ट, कोको प्लांट की खेती करना और अन्य चीजें आती है, मेरे मुवक्किल के केस में ये सब कहां दिखता है।

पांचवी दलील - देसाई ने कहा कि जब पहली बार रिमांड याचिका में  एनसीबी ने आर्यन के पास पैसे न होने की बात कही थी तो एजेंसी ये दावा कैसे कर सकती है कि उसने (आर्यन ) ने ड्रग्स खरीदा या बेचा। जिसके पास पैसे ही नहीं मिले वो ड्रग्स कैसे खरीद और बेच सकता है।

छठी दलील -  एजेंसी ने दावा किया है कि आर्यन ने चरस का सेवन करने की बात कबूल की है। लेकिन जज साहब आप भी जानते हैं कि ऐसे बयान कैसे और किन हालात में लिए जाते हैं। देसाई इस दलील को देते वक्त दरअसल ये इशारा कर रहे थे कि हिरासत में लिए गए बयान सबूत नहीं माने जाते, उसके लिए कोर्ट के  सामने स्वीकारनामा जरूरी होता है। 

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