Thursday, March 28, 2024
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अगर आप भी हीरोइन्स की खूबसूरती से रह जाते हैं हैरान, तो जरूर पढ़िए सोनम कपूर का ये आर्टिकल

''एक पूरी फौज बहुत मेहनत और ढेर सारा समय और पैसा लगता है जब कोई हीरोइन इतनी सुंदर आकर्षक और टोंड दिख पाती है।''

Jyoti Jaiswal Written by: Jyoti Jaiswal @TheJyotiJaiswal
Published on: February 22, 2018 14:03 IST
सोनम कपूर- India TV Hindi
सोनम कपूर

नई दिल्ली: एक पूरी फौज बहुत मेहनत और ढेर सारा समय और पैसा लगता है जब कोई हीरोइन इतनी सुंदर आकर्षक और टोंड दिख पाती है। क्या खाना है क्या नहीं, कौनसे कपड़े पहनने हैं कैसा मेकअप करना है कौनसी एक्सरसाइज़ करना है यह सब देखने के लिये अलग अलग लोगों की टीम होती है, फिर भी कमियां रह ही जाती हैं तो फोटोशॉप से भी पीछे नहीं हटते। पब्लिक एपीरियन्स से पहले रोज़ करीब डेढ़ घण्टे मेकअप चलता है 4-6 लोगों द्वारा, तब कहीं लोगों के सामने आ पाते हैं। ये बातें लिखी हैं बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर ने। सोनम ने यह आर्टिकल साल 2016 में लिखा था जो अब वायरल हो रहा है। जरूर पढ़िए इसे-

''टीनएज लड़कियो, अगर सुबह जगकर अपने बेडरूम के शीशे में खुद को जब देखती हो और ये सोचती हो कि आख़िर तुम उन तमाम सेलिब्रिटीज़ की तरह क्यों नहीं दिखती, तो ये जान लो कि कोई भी लड़की बिस्तर छोड़ते ही वैसी नहीं दिखती। मैं तो नहीं दिखती, न ही कोई भी और हिरोइनें जिन्हें तुम फ़िल्मों में देखती हो। (बियॉन्से भी नहीं, मैं कसम खाकर कह रही हूँ।)

अब असली बात जान लो - हर पब्लिक आयोजन में जाने से पहले, मैं अपने मेकअप की कुर्सी में बैठकर 90 मिनट का समय देती हूँ। तीन से छः लोग मेरे बाल और मेकअप पर काम करते हैं, जबकि एक आदमी मेरे नाख़ून तराशता रहता है। हर सप्ताह मेरी भवें सँवारी जाती हैं, उनकी थ्रेडिंग और ट्वीज़िंग की जाती है। मेरे शरीर के कई हिस्सों पर 'कन्सीलर' लगा होता है जिसके बारे में मैं कभी सोच नहीं सकती थी कि इन्हें छुपाने की ज़रूरत होती होगी!

मैं हर रोज सुबह 6 बजे जग जाती हूँ, और 7:30 बजे तक जिम में होती हूँ। लगभग 90 मिनट का समय हर सुबह, और कई शाम सोने से पहले भी, व्यायाम के लिए होता है। मैं क्या खाऊँ, क्या नहीं खाऊँ, ये बताने के लिए किसी व्यक्ति को नौकरी पर रखा जाता है। मेरे फ़ेसपैक में मेरे भोजन से ज्यादा चीज़ें होती हैं। मेरे कपड़ों को चुनने के लिए लोगों की एक पूरी टीम है। इतने के बाद भी जब मैं 'फ़्लॉलेस' नहीं दिखती तो फोटोशॉप पर खूब काम किया जाता है।

मैंने पहले भी कहा है, और फिर से कहूँगी कि किसी मॉडल/सेलिब्रिटी को वैसा दिखाने के लिए कई लोगों की एक पूरी फ़ौज, बहुत ज्यादा पैसा, और काफ़ी समय लगता है। ये न तो वास्तविक है, न ही कोई ऐसी चीज है जिसको पाने की कोशिश करनी चाहिए। खुद में विश्वास करो। ऐसा बनने की सोचो जहाँ तुम खूबसूरत, उन्मुक्त और खुश रहो, जहाँ तुम्हें एक खास तरीक़े का बनने की कोई ज़रूरत न हो।

और हाँ, अगली बार से जब भी किसी तेरह साल की बच्ची को किसी मैगजीन कवर पर चमकती बॉलीवुड सेलिब्रिटी की तस्वीर को ललचायी निगाहों से देखती देखो तो उसी वक्त उसे ये बता कर उसका भ्रम तोड़ दो। उसको बता दो कि वो कितनी ख़ूबसूरत है। उसकी सुंदर मुस्कुराहट की बातें करो, उसकी हँसी, उसकी बुद्धि या उसके आत्मविश्वास की बात करो।

उसके भीतर ये विचार पनपने मत दो कि उसमें कोई कमी है, या उसमें कुछ ऐसा नहीं है जो पोस्टर, बिलबोर्ड आदि पर लगी तस्वीर में दिखती सेलिब्रिटी में है। उसको अपने लिए ऐसे मानक बनाने से रोको जो उसके लिए ही नहीं, उन तारिकाओं के लिए भी बहुत ऊँचे हैं।''

​(सोनम कपूर का मूल आर्टिकल इंग्लिश में था, जिसका हिंदी अनुवाद किया है योगी अनुराग ने)

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