PTI Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें समुद्र से एक धनुष निकलता हुआ नजर आ रहा है। इसे शेयर करते हुए कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह भगवान राम का धनुष है, जो समुद्र में पाया गया है। हालांकि, पीटीआई फैक्ट चेक की जांच में यह दावा झूठा साबित हुआ। पड़ताल में यह स्पष्ट हुआ कि यह वीडियो असली नहीं है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक की मदद से तैयार किया गया है। इस वीडियो को झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक यूजर ने 2 जून 2025 को वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'बताया जा रहा है कि यह धनुष समुद्र से प्राप्त हुआ है और रामायण काल का प्रमाण है। रामायण के अनुसार भगवान श्री राम के पास एक विशेष धनुष था, जिसका नाम कोदंड था।' वीडियो में एक धनुष समुद्र से निकलता हुआ दिख रहा है, और अगले हिस्से में वह धनुष नाव पर रखा हुआ नजर आ रहा है, जिसके चारों ओर पुलिस भी मौजूद है। पोस्ट का लिंक,आर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।

वहीं, एक अन्य यूजर ने फेसबुक पर 3 जून 2025 को समान दावे के साथ वायरल वीडियो को शेयर किया है। पोस्ट का लिंक,आर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।

पड़ताल में पता चली ये बात
वायरल दावे का सच जानने के लिए संबंधित कीवर्ड से सर्च किया गया, लेकिन कोई भी विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली।

वायरल वीडियो को ध्यान से देखने पर कई विसंगतियां नजर आईं, इसलिए वीडियो की सत्यता जांचने के लिए AI टूल की मदद ली गई।
वायरल वीडियो की जांच के लिए ‘undetectable.ai’ नाम के एक AI जांच टूल का इस्तेमाल किया गया। इस टूल की रिपोर्ट में सामने आया कि यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI की मदद से बनाया गया है। नीचे इसका स्क्रीनशॉट भी देखा जा सकता है।

वहीं, वायरल वीडियो का सच जानने के लिए एक अन्य एआई डिटेक्टर टूल decopy AI की सहायता ली गई। decopy AI के अनुसार वायरल वीडियो 99% AI निर्मित है। रिजल्ट का स्क्रीनशॉट यहां देखें।

पड़ताल में सामने आया कि यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जनरेट किया गया है, जिसे यूजर्स गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
दावा
रामायण काल का प्रमाण समुद्र से मिला भगवान श्री राम का धनुष।
तथ्य
वायरल वीडियो AI जनरेटड है।
निष्कर्ष
हमारी पड़ताल में सामने आया कि यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जनरेट किया गया है, जिसे यूजर्स गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं। (PTI फैक्ट चेक)


