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PFRDA ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के विड्रॉल और रिटायरमेंट से जुड़े प्रावधानों में कई बड़े और महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। नए बदलावों के तहत अब गैर-सरकारी अंशदाता पेंशन फंड में जमा कुल पैसों में से अधिकतम 80 प्रतिशत पैसा निकाल सकते हैं। पहले फंड विड्रॉल की लिमिट 60 प्रतिशत थी जबकि बाकी की 40 प्रतिशत राशि को नियमित पेंशन (Annuity) खरीदने के लिए इस्तेमाल करना पड़ता था। पेंशन फंड विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) की तरफ से जारी एनपीएस निकासी संशोधन नियम, 2025 में ये महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है।
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एनपीएस निकासी संशोधन नियम, 2025 के मुताबिक अब एक तय किए गए लिमिट में लोन लेने के लिए एनपीएस खाते को गारंटी के रूप में भी रखा जा सकता है। PFRDA ने कहा कि ग्राहक को विनियमित वित्तीय संस्थान से एक लिमिट तक वित्तीय मदद लेने का अधिकार होगा। इसके लिए वो एनपीएस से मिलने वाले किसी भी लाभ को बैंक या वित्तीय संस्थान के पास किसी भी रूप में ट्रांसफर, गारंटी, कॉन्ट्रैक्ट, ऑर्डर, सेल या सिक्यॉरिटी के रूप में रख सकता है। नए नियमों के तहत, एनपीएस में अब खाते से निकासी की उम्र सीमा को भी बढ़ाकर 85 साल कर दिया गया है, जो पहले 70 साल ही था।
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नए नियमों के तहत, पेंशन फंड 8 लाख रुपये से कम होने की स्थिति में ग्राहक पूरे पैसों को एकमुश्त निकाल सकते हैं। अगर वे चाहें तो इसे व्यवस्थित एकबारगी निकासी, व्यवस्थित यूनिट भुगतान या पीएफआरडीए द्वारा मंजूर अन्य विकल्पों के माध्यम से भी निकाल सकते हैं। पेंशन फंड विनियामक की तरफ से जारी नए नियम गजट में इसके प्रकाशन की तारीख से प्रभावी हो जाएंगे। इसके अलावा, अब ग्राहक को 4 बार आंशिक निकासी की अनुमति होगी, लेकिन प्रत्येक निकासी के बीच कम-से-कम 4 साल का अंतर होना चाहिए। पहले सिर्फ तीन बार ही आंशिक निकासी संभव थी।
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वहीं, 60 साल की रिटायरमेंट उम्र के बाद आंशिक निकासी 3 बार की जा सकेगी और हर निकासी के बीच कम से कम 3 साल का अंतर रखना होगा। नियामक ने नियमित पेंशन के निर्धारित हिस्से को 20 प्रतिशत पर लाकर एनपीएस ग्राहकों को ये सुविधा दी है कि वे अपने जमा किए हुए पैसों का इस्तेमाल अपनी जरूरत और इच्छा के हिसाब से कर सकें। पीएफआरडीए ने सरकारी कर्मचारियों के लिए भी फंड निकासी के नियमों में बदलाव किए हैं।
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सरकारी कर्मचारी अब 85 साल की उम्र तक एनपीएस में बने रह सकते हैं। लेकिन उन्हें रिटायरमेंट पर 60 प्रतिशत निकासी की ही अनुमति होगी और बाकी के 40 प्रतिशत पैसे एन्यूटी खरीदने के लिए रखनी होगी। हालांकि, अगर कोई सरकारी कर्मचारी समय से पहले इस्तीफा, हटाए जाने या बर्खास्तगी के कारण एनपीएस से अलग होता है, तो 80 प्रतिशत राशि एन्यूटी खरीदने में लगेगी और बाकी को एकमुश्त निकासी के रूप में लिया जा सकेगा। पीएफआरडीए ने कहा कि संशोधित नियम सभी श्रेणियों के ग्राहकों- सरकारी, गैर-सरकारी एवं एनपीएस-लाइट के लिए लागू होंगे और ये उन्हें अपनी जरूरत एवं पसंद के हिसाब से पेंशन फंड के बेहतर इस्तेमाल की सुविधा देगा।