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बुलडोजर एक्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट से याचिकाकर्ता को लगा झटका, कोर्ट ने कही ये बात

आज एक याचिकाकर्ता को बुजडोजर एक्शन मामले से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट से झटका मिला है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई से साफ इनकार कर दिया है।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Mar 03, 2025 11:16 pm IST, Updated : Mar 03, 2025 11:16 pm IST
सुप्रीम कोर्ट- India TV Hindi
Image Source : PTI सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आज गुजरात अथॉरिटी के बुलडोजर एक्शन मामले से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करने से साफ इनकार कर दिया।  कोर्ट ने इस मामले से जुड़े बाबत याचिकाकर्ता को नसीहत भी दी। कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन से मकान को ध्वस्त करने के उसके निर्देशों का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए गुजरात के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने की।

हाईकोर्ट जाने को कहा

बेंच ने मामले पर सुनवाई से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता को शिकायत के साथ संबंधित हाईकोर्ट की ओर रुख करने की नसीहत भी दी। सुप्रीम कोर्ट 13 नवंबर 2024 के अपने एक फैसले के निर्देशों की कथित रूप से अवहेलना करने के लिए राज्य के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

याचिका में क्या कहा गया

याचिकाकर्ता के वकील ने अपनी दलील में कोर्ट से कहा कि अधिकारियों की ओर से गिराए गए मकान याचिकाकर्ता के निजी जमीन पर बने थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं जाते? हमारे लिए यहां से हर मामले की निगरानी करना मुश्किल होगा। हम मौजूदा याचिका पर सुनवाई करने के इच्छुक नहीं हैं। फैसले में नेशनल लेवल पर गाइडलाइन तय किए गए थे। कोर्ट की ओर से कारण बताओ नोटिस बिना दिए और पीड़ित पक्ष को जवाब देने के लिए 15 दिन की मोहलत दिए बिना विभिन्न ढांचों को गिराए जाने पर रोक लगा दी थी।

याचिकाकर्ता के वकील पारसनाथ सिंह की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि अहमदाबाद नगर निगम के अधिकारियों ने उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना और सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए एक आरोपी के 3 मकानों और एक झोपड़ी को गिरा दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन

याचिका में कहा याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि अधिकारियों ने मकानों को जमींदोज करने के संबंध में पहले से कोई सूचना नहीं दी। गुजरात में अल्पसंख्यक समन्वय समिति के संयोजक याचिकाकर्ता ने दावा किया कि अधिकारियों ने पिछले साल दिसंबर में अहमदाबाद में तीन मकानों को जमींदोज कर के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया है। 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2024 की नवंबर माह के अपने एक फैसले के दौरान कहा था कि स्थानीय नगरपालिका कानूनों की ओर से तय समय के भीतर या नोटिस की तामील की तारीख से 15 दिनों के भीतर और कारण बताओ नोटिस जारी किए बिना कोई भी तोड़फोड़ नहीं की जानी चाहिए।

(इनपुट- PTI)

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