गर्मी के सीजन में एयर कंडीशनर यानी AC का इस्तेमाल लोग बहुत ज़्यादा करते हैं। घर से लेकर ऑफिस तक लोगों का ज्यादातर वक्त एसी में ही गुजरता है। क्या आप जानते हैं एसी का ज़्यादा इस्तेमाल अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक है। जी हां, सही पढ़ रहे हैं आप… एयर कंडीशनर की हवा अस्थमा के मरीजों की सेहत के लिए घातक हो सकती है। अस्थमा सांस से जुड़ी एक बेहद खतरनाक बीमारी है। इस बीमारी में सांस की नली में सूजन और लंग्स में इंफेक्शन होने की वजह से लोगों को सांस लेने में बहुत ज़्यादा मुश्किल का सामना करना पड़ता है। एसी में बैठने से अस्थमा के मरीजों की समस्या क्यों बढ़ जाती है और बचाव के लिए क्या करना चाहिए चलिए हम आपको इस लेख के ज़रिए बताते हैं।
एयर कंडीशनर में बैठने से आ सकता अस्थमा का अटैक
गर्मी से निजात पाने के लिए एयर कंडीशनर में लगातार बैठना अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है। दरअसल, एसी वाले कमरे में मौजूद एसी डस्ट के पार्टिकल्स जब हवा के साथ सांस के ज़रिए शरीर में घुस जाते हैं तो वे लंग्स को नुकसान पहुंचाते हैं। अगर कमरे में अस्थमा का मरीज बैठा है तब तो उनके लिए दिक्कते और भी बढ़ जाती हैं और उन्हें दमा का दौरा भी पड़ सकता है। इसलिए अस्थमा के मरीजों को एसी में बैठने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए और लापरवाही करने से बचना चाहिए।
एयर कंडीशनर में बैठते समय बरतें ये सावधानी?
अस्थमा के मरीजों को एसी में बैठने से पहले घर को अच्छी तरह से साफ़ कर लेना चाहिए। घर में ज़रा भी डस्ट या धूल मिटटी नहीं होना चाहिए। साथ ही एसी की सफाई हुई है या नहीं यह भी चेक करना चाहिए। अगर एसी गंदी है तो उसके डस्ट पार्टिकल्स लंग्स को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए कमरे और एसी की साफ-सफाई पर ज़्यादा ध्यान दें।
एयर कंडीशनर के डस्ट पार्टिकल्स से ऐसे करें बचाव?
एयर कंडीशनर के डस्ट से बचाव के लिए एयर फिल्टर को सही तरह साफ करें। एसी का टेंपरेचर हमेशा 25 डिग्री के आसपास ही रखें। नया एसी लेने जा रहे हैं तो एयर प्यूरीफायर वाला एसी ही लें। अस्थमा मरीज ज्यादा समय तक एसी में बैठ रहे हैं तो मास्क लगाकर बैठें