Friday, April 26, 2024
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Hypothyroidism: जानिए क्या होता है हाइपोथायराइड? दिमाग से क्या है इसका कनेक्शन

Hypothyroidism: हाइपोथायराइडिज्म के बारे में आपने कई बार सुना होगा। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इसकी समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। क्या आप जानते हैं कि हाइपोथायराइडिज्म इंसान के दिमाग को भी प्रभावित कर सकता है। आइए आज आपको इसी के बारे में विस्तार से बताते हैं।

Poonam Shukla Edited By: Poonam Shukla @Poonams65850364
Updated on: December 17, 2022 15:21 IST
file photo - India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Hypothyroidism

Hypothyroidism: बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं को थाइरॉयड से जुड़ी समस्या होने लगती है। थाइरॉयड हमारी गर्दन में कोलरबोन के ऊपरी सिरे पर करीब दो इंच लंबा तितली की शेप में एंडोक्रिन ग्लैंड होता है, जो आपकी वायुनली को फैलाकर रखता है। हाइपोथायराइडिज्म की समस्या तब होती है जब ये ग्लैंड निष्क्रिय हो जाता है। इस स्थिति में एंडोक्रिन ग्लैंड पर्याप्त थाइरॉयड हार्मोन्स का उत्पादन नहीं कर पाता है। थाइरॉयड ग्लैंड तीन प्रकार के हार्मोन रिलीज करता है- कैल्सिटोनिन, टी3 और टी3 (ट्राईआयोडोथायरोनिन और थाइरॉक्सीन)। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में हाइपोथायराइडिज्म की समस्या अधिक देखी जाती है। वैज्ञानिक अभी तक इसे पूरी तरह नहीं समझ पाए हैं। हालांकि ये अनुमान लगाया गया है कि मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान होने वाले हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव, इसका कारण हो सकता है।

दिमाग पर कैसे असर डालता है हाइपोथायरॉयडिज्म?

थाइरॉयड हार्मोन के लेवल में गिरावट निश्चित तौर पर इंसान के दिमाग पर असर डालते हैं। हाइपोथायरॉयडिज्म और थाइरॉयड हार्मोन लेवल में सामान्य गिरावट को न्यूडीजेनरेटिव डिसीज का खतरा बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है। हालांकि इसके अभी तक पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिल पाए हैं कि हाइपोथायरॉयडिज्म इंसान के दिमाग के फंक्शन या स्ट्रक्चर पर कोई बुरा असर डालता है।

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क्या कहती है हाइपोथायरॉयडिज्म पर हुई स्टडीज?

कई स्टडीज में यह दावा किया गया है कि हाइपोथायरॉयडिज्म हमारे ब्रेन फंक्शन पर बुरा असर डाल सकता है। कुछ स्टडीज कहती हैं कि हाइपोथायरॉयडिज्म से अटेंशन, कॉन्सनट्रेशन, जनरल इटेंलिजेंस, मेमोरी, लैंग्वेज और साइकोमोटर एक्टिविटी प्रभावित हो सकती है। ये समस्या युवाओं की तुलना में बुजुर्गों में ज्यादा देखी जाती है। हाइपोथायरायडिज्म का इलाज कराने से ब्रेन के इस डिसफंक्शन से बचा जा सकता है, लेकिन इसके सभी प्रभावों को दूर नहीं किया जा सकता है।

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हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण

ज्यादातर मामलों में हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण और संकेत विशिष्ट नहीं होते हैं। कई मामलों में तो इससे पीड़ित लोगों को इसके लक्षण भी महसूस नहीं होते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने फिजिशयन से शरीर की नियमित जांच कराते रहें। हालांकि कुछ मामलों में निम्नलिखित लक्षण देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

  1. हर समय थकान महसूस होना
  2. कमजोरी का अहसास होना
  3. ठंड बर्दाश्त न कर पाना
  4. वजन बढ़ना
  5. कब्ज की शिकायत रहना
  6. डिप्रेशन
  7. मेमोरी लॉस यानी याद्दाश्त का कमजोर होना
  8. बात-बात पर चिड़चिड़ापन होना
  9. सेक्स ड्राइव का कमजोर पड़ना
  10. नींद से जुड़ी समस्या

(Disclaimer: ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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