साइको क्रिमिनल ने दिया वारदात को अंजाम
पुलिस का कहना है कि देवेंद्र एक साइको है जो अपनी एक बनावटी दुनिया में रहता था और रूमानी ख्यालो में खोया रहता था। जानकारी के मुताबिक इसने दीप्ति को 8-9 महीने पहले पहली बार देखा था और तभी से वो दीप्ति से एकतरफा प्यार करने लगा। देवेंद्र दीप्ति से जुड़ी हर बात जानता था और वो पिछले 8-9 महीने ने दीप्ति का पीछा कर रहा था।
हालांकि पुलिस का कहना है कि दीप्ति को देवेंद्र के इस एकतरफा प्यार के बारे में कोई जानकारी नहीं थी ना ही वो कभी देवेंद्र से मिली थी। देवेंद्र ने अबतक ये पता कर लिया था कि दीप्ति रोज गुड़गांव के अपने ऑफिस से कब निकलती है और किस रूट से घरतक जाती है।
किडनैपर की बड़ी साजिश, ऑटो पंचर कराया
पुलिस के मुताबिक दीप्ति को किडनैप करने के लिए देवेंद्र ने दो ऑटो भी खरीदे ताकि किसी दिन दफ्तर से घर जाने के दौरान दीप्ति इसके ऑटो में बैठकर जाए लेकिन दीप्ति कभी भी ऐसे ऑटो में नहीं बैठती थी जिसमे पहले से कोई लड़की ना बैठी हो।
ऐसे में देवेंद्र ने ऑटो पंक्चर करने का प्लान बनाया वारदात के दिन दस फरवरी को जब दीप्ति ऑटो से घर जाने लगी तो देवेंद्र ने उस ऑटो को पंचर करवा दिया। इसी ऑटो के पीछे उसने एक कार भी लगा रखी लेकिन ऐन मौके पर कार भी पंक्चर हो गई। पुलिस का कहना है कि देवेंद्र ने दीप्ति को किडनैप करने की साजिश में अपने चार दोस्तों को भी शामिल किया। देवेंद्र ने सोनीपत के मोहित, प्रदीप और बदायूं के रहने वाले माजिद और फहीम के साथ मिलकर दीप्ति को अगवा किया था।
देवेंद्र ने साथियों को किया गुमराह
पुलिस के मुताबिक साथियों को गुमराह करने के लिए देवेंद्र ने कहा था कि दीप्ति हवाला का कारोबार करती है और उसे किडनैप करने के एवज में 10 से 12 करोड़ रुपये मिलेंगे। जब ये लोग दीप्ति को ऑटो से किडनैप करके निकले तो देवेंद्र अकेला ही दीप्ति को खेतों में पैदल ले गया। इस दौरान दीप्ति की नजर में अच्छा बनने के लिए इसने साथियों से दीप्ति को परेशान करने के लिए बोला और फिर ये दीप्ति को बचाता था। पुलिस का कहना है कि देवेंद्र ने दीप्ति को ये कहा कि वो सिर्फ उसके लिए ही बनी है और किडनैप करने के बाद देवेंद्र का प्लान दीप्ति के साथ नेपाल जाने का था।
किडनैप करने के बाद देवेंद्र और उसके साथियों ने दीप्ति को कई जगहों पर रखा। पुलिस से बचने के लिए इन लोगों ने दीप्ति को एक दिन गन्ने के खेत में भी रखा। इस दौरान इसका एक साथी पुलिस की मूवमेंट पर नजर रखता था। जब इन्हें लगा कि पुलिस की दबिश बढ़ रही है तो इन्होंने दीप्ति को छोड़ दिया।
देवेंद्र की कहानी फिल्म की कहानी से कम नहीं है
दीप्ति की किडनैपिंग का मास्टरमाइंड देवेंद्र की कहानी फिल्म की कहानी से कम नहीं है। हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले इस हिस्ट्रीशीटर ने पहली बार दीप्ति को मेट्रो स्टेशन पर देखा और उसे दीप्ति से एकतरफा प्यार हो गया। ये सनकी आशिक जहां हिटलर का मुरीद है वहीं खुद को चंगेज खान का फॉलोवर कहता है। देवेंद्र के इस शातिर दिमाग की वजह से ही दीप्ति की बरामदगी के बाद अपहरण की गुत्थी का खुलासा करने में गाजियाबाद पुलिस को ज्यादा समय लगा।
2015 से एकतरफा प्यार..2016 में किडनैपिंग
'देवेंद्र सनकी आशिक'
जनवरी 2015 में पहली बार राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर दीप्ति को देखा
देवेंद्र को दीप्ति से एक तरफा प्यार हो गया
देवेंद्र ने 1 साल में दीप्ति की 150 बार रेकी की
'हिटलर-चंगेज खान से प्रेरित'
हिटलर से लेकर चंगेज खान तक की जीवनी पढ़ी
हिटलर की आत्मकथा 'माइन काम्फ़' पूरी याद है
खुद को चंगेज खान का फॉलोअर कहता है