Friday, April 26, 2024
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सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार की मुश्किलें बढ़ीं, गुवाहाटी हाई कोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा

गुवाहाटी उच्च न्यायालय एक जनहित याचिका के सिलसिले में ‘सुपर 30’ के संस्थापक आनंद कुमार के पेश नहीं होने से नाराज है।

Bhasha Written by: Bhasha
Published on: November 26, 2019 21:52 IST
Anand Kumar- India TV Hindi
Image Source : FACEBOOK Anand Kumar

गुवाहाटी: गुवाहाटी उच्च न्यायालय एक जनहित याचिका के सिलसिले में ‘सुपर 30’ के संस्थापक आनंद कुमार के पेश नहीं होने से नाराज है। अदालत ने उन्हें 28 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का मंगलवार को निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा और न्यायमूर्ति ए एम बुजारबरूआ ने कुमार को उन पांच छात्रों और उनके अभिभावकों को 10-10 हजार रुपया मुआवजा अदा करने का भी आदेश दिया, जिन्होंने मंगलवार को अदालत के समक्ष दावा किया कि ‘सुपर 30’ में दाखिले के नाम पर उनसे धोखाधड़ी की गई। 

बताया जाता है कि यह संस्थान हर साल आर्थिक रूप से कमजोर तबके के 30 छात्रों का चयन करता है और उन्हें ‘जेईईई’ की तैयारी कराता है। खंड पीठ ने आईआईटी-गुवाहाटी के चार छात्रों द्वारा दायर एक जनहित याचिका के सिलसिले में 19 नवंबर को कुमार को अदालत के समक्ष मंगलवार को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था। याचिकाकर्ता के वकील अमित गोयल ने कहा कि कुमार ने छात्रों के आरोपों का जवाब नहीं दिया जबकि अदालत ने 21 सितंबर 2018 को निर्देश दिया था। 

इन चारों छात्रों ने इस आरोप के साथ अदालत का रुख किया था कि कुमार के झूठे दावों के चलते हर साल देश के विभिन्न हिस्सों से काफी संख्या में छात्र पूरे विश्वास और उम्मीद के साथ उनके पास जाते हैं कि वह आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास करने में उनकी मदद करेंगे। पीआईएल में कहा गया है कि पटना पहुंचने पर छात्रों को उनके कोचिंग संस्थान रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स में दाखिला दिलाया गया और उनमें से प्रत्येक से कुमार ने 30-30 हजार रुपये लिये। 

इसमें यह आरोप भी लगाया गया है कि कुमार 2008 से ‘सुपर 30’ नाम की कोई कक्षा नहीं चला रहे हैं। लेकिन, आईआईटी प्रवेश परीक्षा के नतीजे आने पर वह रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स के कुछ छात्रों के साथ मीडिया के सामने आते हैं और दावा करते हैं कि वे उनके संस्थान से हैं तथा उन्होंने आईआईटी की प्रवेश परीक्षा उतीर्ण की है। इसमें कहा गया है, ‘‘कुमार के दुष्प्रचार से न सिर्फ आईआईटी के अभ्यर्थियों को और उनके अभिभावकों को बल्कि देश के आम लोगों को भी धोखा दिया जा रहा। यहां यह उल्लेख करना उल्लेखनीय है कि कुमार आईआईटी अभ्यर्थियों को पढ़ाने के लिये योग्य नहीं हैं।’’ 

पीआईएल में एक अन्य प्रतिवादी, सुपर 30 के सह संस्थापक एवं बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने उच्च न्यायालय में दाखिल किये अपने हलफनामे में कहा है कि उन्होंने समाज की समस्याओं का हल करने के विचार से इस अनूठे कार्यक्रम को मूर्त रूप दिया। कुमार के ‘सुपर 30’ पर बनी एक बायोपिक इस साल जुलाई में रीलिज हुई थी।

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