Wednesday, April 17, 2024
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सोशल मीडिया पर महिलाओं की नग्न तस्वीर को 24 घंटे में हटाना होगा- रविशंकर प्रसाद

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि नए दिशा-निर्देशों के अनुसार यदि किसी महिला की 'नग्न या मॉफ्र्ड तस्वीर' सोशल मीडिया पर डाली जाती है तो इसे 24 घंटे के अंदर हटाना होगा।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: March 18, 2021 16:03 IST
सोशल मीडिया पर महिलाओं की नग्न तस्वीर को 24 घंटे में हटाना होगा- रविशंकर प्रसाद- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE PHOTO सोशल मीडिया पर महिलाओं की नग्न तस्वीर को 24 घंटे में हटाना होगा- रविशंकर प्रसाद

नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि नए दिशा-निर्देशों के अनुसार यदि किसी महिला की 'नग्न या मॉफ्र्ड तस्वीर' सोशल मीडिया पर डाली जाती है तो इसे 24 घंटे के अंदर हटाना होगा। मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में ये बात कही। बता दें कि, सोशल मीडिया पर महिलाओं की तस्वीर के साथ की जा रही छेड़खानी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार सख्ती बरत रही है।  

उन्होंने यह भी कहा कि देश में इंटरनेट साम्राज्यवाद स्वीकार नहीं है और सरकार इस पर एकाधिकार नहीं होने देगी। उन्होंने यह भी साफ किया कि देश में चुनावों को प्रभावित करने का कोई खतरा नहीं है क्योंकि मंत्रालय चुनाव आयोग के साथ मिलकर काम कर रहा है।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कोई भी सामग्री जो भारत विरोधी है या पब्लिक ऑर्डर के खिलाफ है, उसे नए दिशानिर्देशों के अनुसार 36 घंटे के अंदर हटा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों को उपयोगकर्ताओं को सत्यापित करने के लिए कहा गया है ताकि कोई भी फर्जी खबर या नफरत फैलानी वाली सामग्री पोस्ट न कर सके। उन्होंने कहा कि यह स्वैच्छिक होगा और सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं होगी।

मंत्री ने कहा कि सरकार आलोचनाओं का सामना करने के लिए तैयार है। इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है। कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने मंत्री से पूछा कि यदि उपयोगकर्ता फर्जी है, तो उसकी पहचान कैसे होगी। इस पर मंत्री ने कहा, "इसकी जिम्मेदारी कंपनी पर होगी।"

'सोशल मीडिया के लिए सरकार के पास नियामक नियुक्त करने का कोई प्रस्ताव नहीं'

रविशंकर प्रसाद के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सऐप और ट्विटर सहित कंपनियों को मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली बनाने के निर्देश दिए गए हैं। फिलहाल मौजूदा समय सरकार के पास सोशल मीडिया के लिए नियामक नियुक्त करने के लिए कोई प्रस्ताव नहीं है। 

गौरतलब है कि पिछले महीने फरवरी नें केंद्र सरकार ने ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफार्म के खिलाफ कड़े फैसले लेते हुए एक गाइडलाइन जारी की थी। दिशानिर्देशों में कहा गया था कि मीडिया कंपनियों को 36 घंटे के भीरत आपत्तिजनक सामग्री को हटाना होगा, साथ ही शिकायत निवारण तंत्र भी बनाना होगा। सरकार की ये गाइडलाइन ट्विटर और व्हाट्सऐप जैसी कंपनियों के लिए थी।

सरकार के निर्देशों के बाद सोशल मीडिया कंपनियों ने जानकारी दी थी कि उन्होंने पिछले वर्ष 2020 में 9849 यूआरएल, अकाउंट और वेबपेज बंद किए हैं। इनमें से ज्यादातर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक्टिव थे। बुधवार को सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने भी संसद में बताया कि सरकार ने व्हाट्सएप को अपनी प्रस्तावित गोपनीयता नीति बदलाव की समीक्षा करने को कहा है। 

साथ ही महिलाओं के सम्मान से जुड़े कंटेंट का खास ध्यान रखना होगा। अगर सोशल मीडिया पर किसी की आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट की जाती है, तो शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर हटाना होगा। इसके लिए पीड़िता की शिकायत जरूरी नहीं होगी।

(इनपुट- IANS)

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