Monday, April 29, 2024
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किसानों के प्रदर्शन पर कृषि मंत्री का बयान, कहा- 'चौथी बार दिया 3 दिसंबर को बातचीत का प्रस्ताव'

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से एक बार फिर आंदोलन छोड़कर बातचीत का रास्ता चुनने की अपील की है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 29, 2020 18:39 IST
किसानों के प्रदर्शन पर कृषि मंत्री का बयान, कहा- 'चौथी बार दिया 3 दिसंबर को बातचीत का प्रस्ताव'- India TV Hindi
Image Source : PTI किसानों के प्रदर्शन पर कृषि मंत्री का बयान, कहा- 'चौथी बार दिया 3 दिसंबर को बातचीत का प्रस्ताव'

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से एक बार फिर आंदोलन छोड़कर बातचीत का रास्ता चुनने की अपील की है। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से आंदोलन कर रहे किसानों के लिए बातचीत के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार चार बार बातचीत का प्रस्ताव दे चुकी है।

तोमर ने कहा, "सरकार ने चौथी बार 3 दिसंबर को मिलने का प्रस्ताव दिया है। इसलिए, पहले से ही बातचीत चल रही है, किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि सरकार इसके लिए तैयार नहीं है। सरकार बातचीत का स्वागत करती है, किसानों की यूनियनों को इसके लिए माहौल बनाना चाहिए। उन्हें आंदोलन छोड़ना चाहिए और बातचीत का चयन करना चाहिए।

हालांकि, गौरतलब है कि किसानों ने प्रस्ताव खारिज कर दिया है। सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं ने कहा, 'सरकार द्वारा बातचीत के लिए जो कंडीशन थी हम उसे किसान संगठनों का अपमान मानते हैं। अब हम बुराड़ी पार्क में बिलकुल नहीं जाएंगे। हमें पता चला है कि वो पार्क नहीं ओपन जेल है। हम ओपन जेल में जाने की बजाय 5 मेन मार्ग जाम कर दिल्ली की घेराबंदी करेंगे। 1 दिसंबर से राज्यों में भी प्रदर्शन शुरू होगा।'

किसान संगठनों ने सरकार को किसानों पर बातचीत के लिए शर्त न लगाने की नसीहत दी है। सिंधु बॉर्डर पर किसानों की बैठक के बाद लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के प्रदेश अध्यक्ष सरजीत सिंह फूल ने कहा, 'हमने केंद्र के निमंत्रण को स्वीकार नहीं किया है क्योंकि यह इस शर्त के साथ आया है कि सभी किसानों को बुराड़ी पार्क में शिफ्ट कर देना चाहिए और अगले दिन सरकार से बातचीत होगी।'

उन्होंने कहा, 'हरियाणा सरकार ने हमारा रास्ता रोकने के लिए सड़कों को खोद दिया। अब जब सरकार ने शर्त रखी है तो हम बुराड़ी पार्क नहीं जाएंगे क्योंकि यह एक खुली हुई जेल है। हम दिल्ली में प्रवेश के सभी 5 बिंदुओं को अवरुद्ध करेंगे। हमारे आवास के लिए हमारा ट्रैक्टर छोटे कमरों की तरह है। हम किसी भी राजनीतिक दल को अपने मंच पर जगह नहीं देंगे। हमारे पास 4 महीने का राशन है, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।' 

उन्होंने कहा, 'हमारी संचालन समिति सब कुछ तय करेगी।' किसानों ने फैसला किया कि वे लोग फिलहाल बॉर्डर्स पर बैठे रहेंगे। बता दें कि किसान राष्ट्रीय राजधानी के सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर भी जमे हुए हैं। हालांकि, सरकार ने उनसे कहा है कि वे बुराड़ी के मैदान में शिफ्ट हो जाएं, इसके बाद उनसे बात की जाएगी। किसानों ने बुराड़ी जाने से मना कर दिया है। 

गौरतलब है कि किसान अभी भी हरियाणा दिल्ली सीमा पर डटे हुए हैं। हरियाणा के सिंघु और टिकरी बॉर्डर के बाद किसानों ने गाजियाबाद से जुड़े गाजीपुर बॉर्डर पर भी डेरा डाल लिया है। यूपी से आने वाले ट्रैफिक को पुलिस डायवर्ट कर रही है। भारतीय किसान यूनियन के नेता पहले ही कह चुके हैं कि सरकार की शर्तें उन्हें मंजूर नहीं है। वे बुराड़ी नहीं जाएंगे।

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