Wednesday, May 08, 2024
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असम-मिजोरम सीमा पर शांति बहाल, लेकिन एक दिन में विवाद नहीं सुलझ सकता: सरमा

मिजोरम के साथ लगी सीमा पर शांति बहाल होने का उल्लेख करते हुए असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को कहा कि राज्यों के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद का एक दिन में समाधान नहीं हो सकता क्योंकि यह एक बहुत ही जटिल मुद्दा है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Updated on: August 09, 2021 22:27 IST
असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE PHOTO असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा

नयी दिल्ली। मिजोरम के साथ लगी सीमा पर शांति बहाल होने का उल्लेख करते हुए असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने सोमवार को कहा कि राज्यों के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद का एक दिन में समाधान नहीं हो सकता क्योंकि यह एक बहुत ही जटिल मुद्दा है। सीमा विवाद ब्रिटिश काल से भी पहले से होने का जिक्र करते हुए सरमा ने पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि असम अन्य राज्यों के साथ भी बातचीत कर रहा है और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों को नए राज्यों का गठन करते समय स्पष्ट रूप से सीमाओं का निर्धारण नहीं करने के लिए दोषी ठहराया।

सीमा विवाद को लेकर असम और मिजोरम के पुलिसकर्मियों के बीच पिछले महीने हिंसक झड़प में असम पुलिस के छह कर्मियों की मौत हो गयी जिसके बाद दोनों राज्यों के बीच फिर से तनाव बढ़ गया। शनिवार से राष्ट्रीय राजधानी के चार दिवसीय दौरे पर आए सरमा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। सरमा ने कहा, ‘‘मिजोरम 1870 में अंग्रेजों द्वारा जारी अधिसूचना के आधार पर भीतरी वन क्षेत्र की मांग करता रहा है। असम की स्थिति यह है कि एक संवैधानिक सीमा है और मिजोरम ऐतिहासिक सीमा के बारे में कह रहा है। असम अपनी संवैधानिक सीमा की रक्षा कर रहा है।’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि अब दोनों राज्यों के बीच के मुद्दे को सुलझा लिया गया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने कहा, ‘‘हमने इस मुद्दे पर चर्चा की है और फिलहाल इसे सुलझा लिया है। मैं मिजोरम के मुख्यमंत्री के संपर्क में हूं और दिन में कम से कम दो बार उनसे बात करता हूं।’’ सरमा ने कहा कि ‘‘पिछले कई दशकों से हमारी सीमाओं’’ से संबंधित समस्याएं हैं और पिछले सितंबर में दोनों राज्यों के बीच ‘‘अविश्वास और मतभेद’’ बढ़े, जिसके परिणामस्वरूप यह हिंसक घटना हुई लेकिन अब स्थिति शांतिपूर्ण है।

सरमा ने पूर्वोत्तर के राज्यों के बीच सीमा विवाद के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया क्योंकि दशकों तक देश पर शासन करने वाली पार्टी ने सीमाओं का सीमांकन नहीं किया। असम के सीमा विवाद के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के साथ भी बातचीत कर रही है। असम के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस कभी भी एक एकजुट पूर्वोत्तर नहीं चाहती थी इसलिए उसने हमें अपनी सीमाओं के लिए लड़ने के लिए छोड़ दिया। राज्यों के गठन के समय इसे बेहतर किया जा सकता था। इसलिए समय के साथ अविश्वास बढ़ता गया लेकिन अब हम इसे हल करने के लिए कोशिश कर रहे हैं।’’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा असम और उसके पड़ोसी राज्यों के बीच लंबित सीमा विवाद के समाधान के लिए प्रयास के बावजूद कछार के ढोलई गांव में सीमा के पास असम-मिजोरम की पुलिस के बीच 26 जुलाई को हिंसक झड़प हो गयी। झड़प में असम पुलिस के कम से कम छह कर्मी और एक नागरिक की मौत हो गयी थी और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। बाद में असम के स्थानीय लोगों ने दूसरे राज्यों में सामान ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही भी रोक दी थी। दोनों राज्य असम के कछार, हैलाकांडी और करीमगंज जिलों तथा मिजोरम के कोलासिब, मामित और आइजोल जिलों के बीच 164.6 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं। 

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