Saturday, April 27, 2024
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आश्रम की संपत्ति के विवाद में अब तक कई साधु-संतों ने गंवाई है जान, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

बात 1991 की है जब 25 अक्टूबर को रामायण सत्संग भवन के संत राघवाचार्य की हत्या कर दी गई थी। राघवाचार्य आश्रम के बाहर टहल रहे थे तभी स्कूटर सवार लोगों ने उन्हें घेर लिया। 

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 22, 2021 12:29 IST
आश्रम की संपत्ति के विवाद में अब तक कई साधु-संतों ने गंवाई है जान, पढ़ें पूरी रिपोर्ट- India TV Hindi
Image Source : FILE आश्रम की संपत्ति के विवाद में अब तक कई साधु-संतों ने गंवाई है जान, पढ़ें पूरी रिपोर्ट 

नई दिल्ली: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की संदिग्ध अवस्था में हुई मौत को लेकर जहां कई सवाल खड़े हो रहे हैं वही सुसाइड नोट में भी जिस विवाद का जिक्र किया है वो भी फ़िलहाल संपत्ति से जुड़ा बताया जा रहा है। इससे पहले भी कई साधु संतों की जान संपत्ति विवाद में जा चुकी है। नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत से एक बार फिर यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या संतों का मन संपत्ति में लग गया है? 

बात 1991 की है जब 25 अक्टूबर को रामायण सत्संग भवन के संत राघवाचार्य की हत्या कर दी गई थी। राघवाचार्य आश्रम के बाहर टहल रहे थे तभी स्कूटर सवार लोगों ने उन्हें घेर लिया। पहले उनको गोली मारी गई और फिर चाकू से गोदकर बेरहमी से कत्म कर दिया गया। कत्ल का ये सिलसिला यहीं नहीं थमा। करीब दो साल बाद 9 दिसंबर 1993 को रामायण सत्संग भवन के ही संत रंगाचार्य की ज्वालापुर में हत्या कर दी गई थी। इसके बाद वर्ष 2000 में एक सनसनीखेज घटना हरिद्वार में हुई थी जब चेतन दास कुटिया में अमेरिकी साध्वी प्रेमांद की दिसंबर 2000 में लूटपाट के बाद हत्या कर दी गई थी।

कब-कब हुई साधुओं की हत्या

  • 5 अप्रैल 2001 को हरिद्वार में ही बाबा सुतेन्द्र बंगाली की हत्या।
  •  6 जून 2001 को हर की पैड़ी के सामने टापू में बाबा विष्णुगिरि समेत चार साधुओं की हत्या।
  •  26 जून 2001 को बाबा ब्रह्मानंद की हत्या।
  • वर्ष 2001 में पानप देव कुटिया के बाबा ब्रह्मदास की गोली मारकर हत्या।
  • 17 अगस्त 2002 बाबा हरियानंद और उनके चेले की हत्या ।
  •  6 अगस्त 2003 को संगमपुरी आश्रम के संत प्रेमानंद उर्फ भोले बाबा गायब हो गए। 7 सितंबर 2003 की उनकी हत्या का खुलासा हुआ। 
  •  28 दिसम्बर 2004 को संत योगानंद की हत्या कर दी गई। 
  •  15 मई 2006 को पीली कोठी के स्वामी अमृतानंद की हत्या।
  • 25 नवंबर 2006 को सुबह इंडिया टैम्पल के बाल स्वामी की गोली मारकर हत्या की गई। 
  • 8 फरवरी 2008 को निरंजनी अखाड़े के 7 साधुओं को जहर दिया गया था, लेकिन सभी बच गए।
  • 14 अप्रैल 2012 निर्वाणी अखाड़े के सर्वोच्च पद पर आसीन महंत सुधीर गिरि की हत्या।
  •  26 जून 2012 को हरिद्वार के लक्सर में तीन संतों की हत्या
  • 12 अगस्त 2018 अलीगढ़ के पाली मुकीमपुर थाना क्षेत्र में शिव मंदिर में डंडों से पीट-पीट कर दो पुजारियों की हत्या कर दी थी और तीसरे को मरा हुआ समझकर फ़रार हो गए थे।
  • 28 अप्रैल 2020 बुलंदशहर में मंदिर परिसर में सो रहे दो सुधाओं की धारदार हथियार से निर्मम हत्या कर दी गई
  • 1 सितंबर 2020 उत्तर प्रदेश के हरदोई में साधु और उसके साथ रहने वाली साध्वी और बेटे की हत्या।
  • 29 जून 2021 मेरठ के थाना मुंडाली क्षेत्र के बढ़ला गांव में साधु चंद्रपाल का शव मिला था।

हैरानी की बात ये है कि इन सभी घटनाओं के पीछे संपत्ति ही बड़ी वजह रही। कहीं मठ की लड़ाई तो कहीं आश्रम के झगड़े की वजह से साधु-संतों के कत्ल की घटनाएं सामने आईं। 

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