Friday, April 26, 2024
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देश में गहराते जल संकट पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग

महाराष्ट्र के औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील ने निचले सदन में शून्यकाल के दौरान जल संकट की समस्या पर चर्चा के लिए कम से आठ दिनों का विशेष सत्र बुलाने या इसी सत्र में इसके लिए दो-चार दिन तय किए जाने का अनुरोध किया।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: June 27, 2019 17:32 IST
water crisis- India TV Hindi
Image Source : PTI देश में गहराते जल संकट पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग (प्रतिकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली। लोकसभा में एआईएमआईएम पार्टी के एक सदस्य ने देश में गहराते जल संकट का मुद्दा और इस पर व्यापक चर्चा के लिये विशेष सत्र बुलाने या चालू सत्र में दो-चार दिन का समय तय किये जाने की मांग की । निचले सदन में कई सदस्यों ने इससे संबद्धता व्यक्त करते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में पेयजल के संकट को दूर करने का संबद्ध मंत्रालय से अनुरोध किया।

महाराष्ट्र के औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील ने निचले सदन में शून्यकाल के दौरान जल संकट की समस्या पर चर्चा के लिए कम से आठ दिनों का विशेष सत्र बुलाने या इसी सत्र में इसके लिए दो-चार दिन तय किए जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि पेयजल की किल्लत के मद्देनजर उनके इलाके में पानी का कारोबार खड़ा किया जा रहा है। एक बड़ी पार्टी नेता ने पानी का ठेका लेने का प्रस्ताव तक दिया है।

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देश में गहराते जल संकट पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग (प्रतिकात्मक तस्वीर)

झारखंड के कोडरमा से सांसद अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि उनका राज्य पेयजल के गंभीर संकट का सामना कर रहा है। झारखंड में भूजल के स्तर में काफी गिरावट हुई है। लोग पेयजल की किल्लत का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुओं एवं नलकूपों आदि से निकाले जाने वाले पानी में आर्सेनिक की मात्रा भी बहुत ज्यादा है। इसके चलते लोगों को गंभीर बीमारियां हो रही हैं।

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देश में गहराते जल संकट पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग (प्रतिकात्मक तस्वीर)

इसके अलावा, सदस्यों ने नदी जल प्रदूषण और नदियों के अतिक्रमण का मुद्दा भी उठाया गया। कैराना से भाजपा सांसद प्रदीप कुमार चौधरी ने अपने क्षेत्र में कृष्णा नदी के दूषित जल से कई गांवों के प्रभावित होने की बात कही। उन्होंने कहा कि आसपास की फैक्टरियों से नदी में रसायनयुक्त पानी गिरता है, जिसके चलते लोग कैंसर और त्वचा रोग जैसी बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं।

उत्तर-पूर्व दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि ओखला इलाके में यमुना के जल प्रवाह वाले क्षेत्र में करीब 3,000 मकान बन गए हैं। लेकिन वहां कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।

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