Sunday, December 07, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. क्या होती है 'काल बैसाखी', जो हर साल लील जाती है सैकड़ों लोगों की जान, कैसे करें बचाव?

क्या होती है 'काल बैसाखी', जो हर साल लील जाती है सैकड़ों लोगों की जान, कैसे करें बचाव?

बिहार में बीते दो दिनों में 60 लोगों की आंधी, बारिश और वज्रपात के कारण जान चली गई। हर साल सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा देते हैं। ये सब काल बैसाखी के कारण होता है। जानिए क्या है ये और कैसे इससे बचें?

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Published : Apr 12, 2025 01:26 pm IST, Updated : Apr 12, 2025 01:36 pm IST
क्या होती है काल बैसाखी- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO क्या होती है काल बैसाखी

बिहार में बीते दो दिनों में आंधी, तूफान, बारिश, वज्रपात के कारण 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। हर साल सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है, इस घटना के पीछे की वजह काल बैसाखी है। काल बैसाखी दरअसल मौसम का एक पैटर्न है। बिहार ही नहीं, ओडिशा, यूपी और बंगाल में भी मौसम के इस पैटर्न का असर देखा गया है है। मौसम विभाग ने बताया है कि उत्तर-पूर्वी राज्यों में इस साल अप्रैल से मई के दौरान काल बैसाखी की घटनाएं पहले की तुलना में ज्यादा हो सकती हैं और काल बैसाखी अत्यंत खतरनाक रूप भी धारण कर सकती है।

काल बैसाखी क्या है?

बैसाख के महीने में मौसम में अचानक से होने वाले बदलाव को ही  काल बैसाखी कहा जाता है। ये मौसम का एक ऐसा पैटर्न है जो गर्म और ठंडी हवाओं के टकराने से होता है। काल बैसाखी वाला पैटर्न लगभग हर साल होता है, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग के कारण हाल के वर्षों में इसके खतरे बढ़ रहे हैं। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि इस साल ये पैटर्न ज्यादा खतरनाक हो सकता है और इस पैटर्न से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले राज्यों में-बिहार, झारखंड, ओडिशा, बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश शामिल हैं।

क्या कहा मौसम विज्ञानी ने 
मौसम विभाग कोलकाता के पूर्व निदेशक और काल बैसाखी के विशेषज्ञ एके सेन ने बताया है कि काल बैसाखी के दौरान हवा की दिशा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर होती है। इसलिए इसे पश्चिमी झंझा भी कहा जाता है। मौसम के इस पैटर्न के कारण आंधी, तूफान और ओले के साथ भारी बारिश होती है। इस दौरान हवा लगभग 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। कहीं-कहीं वज्रपात भी होता है, जिसमें लोगों की जान चली जाती है।

सेन ने बताया कि, "हवा की रफ्तार कभी-कभी सौ किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा हो जाती है। इसका सर्वाधिक नुकसान उत्तर बिहार और बंगाल में देखा जाता है। एक दिन पहले बिहार के 20 जिले इसकी चपेट में आ चुके हैं। कुछ जिलों में तो हवा की गति कुछ समय के लिए 140 किमी प्रति घंटे को भी पार कर गई।" 

आईएमडी ने दी है चेतावनी

आइएमडी ने कहा है कि अप्रैल, मई और जून माह में काल बैसाखी से प्रभावित होने वाले इलाके में लू की अवधि ज्यादा रह सकती है। ऐसे में अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान के टकराने की आशंका बनी रहेगी, जो काल बैसाखी के प्रचंड होने के लिए प्लेटफार्म तैयार करेगा।  

कैसे करें बचाव

काल बैसाखी से बचने के लिए सावधानी बरतें और सुरक्षित स्थानों पर ही रहें। अगर बहुत ज्यादा जरूरी ना हो तो खराब मौसम में घर से बाहर न निकलें। आंधी, तूफान, तेज हवाओं और बारिश के समय घर से ना निकलें, खुली जगह और खेतों में जाने से बचें। 

Latest India News

Google पर इंडिया टीवी को अपना पसंदीदा न्यूज सोर्स बनाने के लिए यहां
क्लिक करें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement