Wednesday, December 17, 2025
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अल फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर जावेद अहमद सिद्दीकी गिरफ्तार, 1 दिसंबर तक ED कस्टडी में भेजा गया

अल फलाह यूनिवर्सिटी में मंगलवार को ईडी की टीम ने कई घंटों की छापेमारी की। अल फलाह समूह से संबंधित परिसरों में की गई छापेमारी के दौरान सबूत इकट्ठा किए गए।

Reported By : Atul Bhatia, Sanjay Sah Edited By : Dhyanendra Chauhan Published : Nov 18, 2025 09:35 pm IST, Updated : Nov 19, 2025 07:50 am IST
अल फलाह यूनिवर्सिटी- India TV Hindi
Image Source : PTI अल फलाह यूनिवर्सिटी

अल फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर जावेद अहमद सिद्दीकी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जावेद अहमद सिद्दीकी की गिरफ्तारी हुई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को अल फलाह ग्रुप के चेयरमैन जावेद अहमद सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA), 2002 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया है।

साकेत कोर्ट में किया गया पेश

गिरफ्तारी के बाद जावेद सिद्दिकी का मेडिकल किया गया। उसके बाद साकेत कोर्ट में पेश किया गया जिसके बाद अदालत ने 1 दिसंबर तक 13 दिन की ED कस्टडी में भेज दिया। यह कार्रवाई अल फलाह ग्रुप से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी के दौरान मिली अहम जानकारियों और सबूतों के आधार पर की गई है।

दिल्ली क्राइम ब्रांच ने दर्ज की थी 2 FIR

ईडी ने यह जांच दो एफआईआर के आधार पर शुरू की थीं, जो दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने दर्ज की थीं। FIR में आरोप था कि फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी ने गलत तरीके से NAAC मान्यता (accreditation) होने का दावा किया था।

मान्यता होने की दी झूठी जानकारी

यूजीसी के सेक्शन 12(B) के तहत मान्यता होने की झूठी जानकारी दी थी। UGC ने साफ किया है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी केवल सेक्शन 2(f) के तहत एक स्टेट प्राइवेट यूनिवर्सिटी के रूप में सूचीबद्ध है। उसने कभी भी 12(B) के तहत मान्यता के लिए आवेदन नहीं किया है।

छापेमारी में बरामद हुईं ये चीजें

दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने मंगलवार को 19 जगहों पर छापा मारा है,जिसमें अल फलाह यूनिवर्सिटी और इस ट्रस्ट से जुड़े महत्वपूर्ण लोगों के घर पर छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान कैश की बरामदगी हुई है। इसमें 48 लाख रुपये से ज्यादा नकद, कई डिजिटल डिवाइस, महत्वपूर्ण दस्तावेज और कई शेल कंपनियों के सबूत बरामद किए गए हैं।

जानिए क्यों हुई ये गिरफ्तारी? 

अल फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर की गिरफ्तारी पर ईडी का कहना है कि जावेद अहमद सिद्दीकी ट्रस्ट और उसके वित्तीय फैसलों को असल में नियंत्रित करते हैं। मिले सबूतों से पता चलता है कि उन्होंने अपराध से कमाए गए पैसों को छिपाया और कई तरीकों से इधर-उधर घुमाया। इन सबूतों के आधार पर उन्हें कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद गिरफ्तार किया गया।

कैसे काम करता है ये ट्रस्ट?

Al-Falah Charitable Trust की स्थापना 8 सितंबर 1995 में हुई थी। इस ट्रस्ट में जावेद अहमद सिद्दीकी पहले ही दिन से ट्रस्टी रहे हैं और वही असल में पूरे ग्रुप को नियंत्रित करते हैं। यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े सभी कॉलेज इसी ट्रस्ट के अंतर्गत आते हैं। ट्रस्ट और ग्रुप ने 1990 के दशक से बहुत तेज़ी से विस्तार किया, लेकिन यह वृद्धि उनकी असली/सामान्य वित्तीय क्षमता से मेल नहीं खाती।

 

 

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